दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास पहुंचे राहुल गांधी, मंच से किया संबोधित, कहा- मुझे रोकने की कई कोशिश हुई, रोक नहीं पाए, हम लड़ते रहेंगे

दरभंगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को दरभंगा के अंबेडकर छात्रावास पहुंचे, जहां उन्होंने प्रशासन की रोक के बावजूद मंच से छात्रों को संक्षिप्त रूप में संबोधित किया। ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम के तहत आयोजित इस दौरे का उद्देश्य छात्रों विशेषकर दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के युवाओं से संवाद करना था, परंतु जिला प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के चलते संवाद नहीं हो सका। इसके बावजूद राहुल गांधी ने छात्रावास परिसर में पहुंचकर डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर लहराई और संविधान की रक्षा के संकल्प के साथ छात्रों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने अपने 5 मिनट के भाषण में सरकार और व्यवस्था पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “24 घंटे अत्याचार हो रहा है। आपके खिलाफ पेपर लीक हो रहा है। आपको बोलने नहीं दिया जा रहा है। जातीय जनगणना होनी चाहिए और हमने संसद में नरेंद्र मोदी से कहा है कि यह करनी ही पड़ेगी।” उन्होंने आगे कहा, “संविधान को माथे से लगाना पड़ेगा। दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग के हॉस्टलों में क्या होता है, यह हम सभी जानते हैं। जब बिहार में हमारी सरकार बनेगी, तो यह सब बदला जाएगा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश के 90 प्रतिशत लोगों के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। “सारी धन-दौलत और ठेकेदारी केवल 2-3 प्रतिशत लोगों के हाथों में सिमट गई है। प्राइवेट स्कूल और नौकरियों में बहुसंख्यक समाज की हिस्सेदारी नहीं है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “आपकी शक्ति मेरे पास है, इसलिए आपका हक कोई नहीं रोक सकता। राहुल गांधी के दरभंगा पहुंचने से पहले ही प्रशासन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उनके काफिले को दरभंगा की ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कैंपस से करीब तीन किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। प्रशासन की ओर से उन्हें छात्रावास की बजाय टाउन हॉल में संवाद करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन राहुल गांधी ने उस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए पैदल ही अंबेडकर छात्रावास पहुंचने का फैसला किया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा और अनुमति से जुड़ी तकनीकी अड़चनों के चलते छात्रावास में कार्यक्रम की मंजूरी नहीं दी गई थी। हालांकि, राहुल गांधी ने इसे जनविरोधी और लोकतंत्र के विरुद्ध बताते हुए छात्रों से जुड़ने की कोशिश की। कार्यक्रम के समापन के बाद राहुल गांधी पटना के लिए रवाना हो गए। कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी की इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया और इसे सामाजिक न्याय के संघर्ष का प्रतीक करार दिया। यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब देशभर में जातीय जनगणना, शिक्षा में असमानता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा तेज हो रही है। राहुल गांधी के इस कदम को उनकी ‘भारत जोड़ो’ अभियान की एक कड़ी के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसमें वे सीधे जनता से संवाद कर रहे हैं और व्यवस्था की खामियों को उजागर कर रहे हैं।

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