जदयू कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित, मंत्री अशोक चौधरी ने सुनी लोगों की शिकायतें

पटना। शुक्रवार को जनता जदयू मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे आम लोगों की समस्याओं को सुनकर उनके त्वरित निराकरण हेतु सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। कार्यक्रम में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए माननीय मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हमारे नेता नीतीश कुमार राजनीतिक सुचिता के प्रतीक है। एक साथ काम करने के बाद यह स्वाभाविक है कि राजनीतिक मतभेद से परे हर नेता का व्यक्तिगत संबंध स्थापित हो जाता है। माननीय मुख्यमंत्री ने इसी बात का जिक्र कल किया था। प्रेम कुमार, शाहनवाज हुसैन,  नंदकिशोर यादव, रामप्रीत पासवान, मंगल पांडेय ये पांच भाजपा के ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ मंत्रिमंडल में काम कर चुके हैं। सरकार बदलने के बाद इन लोगों ने माननीय मुख्यमंत्री से सरकारी आवास न लेने का आग्रह किया था और माननीय मुख्यमंत्री ने भी अपना बड़ा दिल दिखाते हुए उनका आवास खाली नहीं किया। हमारे नेता का स्पष्ट मानना है कि वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों के आधार पर व्यक्तिगत संबंध कभी प्रभावित नहीं होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर माननीय मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए किसी को भी दरवाजा बंद करने या खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है। नीतीश कुमार जिधर जाते हैं उधर रास्ता खुद बन जाता है। अशोक चौधरी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री बिहार के विकास के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं। उनका कार्य और विश्वनीयता ही नीतीश कुमार की असली पूंजी रही है। नीतीश कुमार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को अन्य प्रदेश की सरकारों साथ-साथ केंद्र की सरकार भी अंगीकृत करती रही है। सीमित आर्थिक संसधान के बावजूद भी हमारे नेता श्री नीतीश कुमार ने बिहार की तस्वीर और तकदीर बदनले का काम किया है। केंद्र में जिस भी पार्टी की सरकार रही हो उन्होंने कभी बिहार को विशेष पैकेज या सहायता देने का काम नहीं किया। यह कसक नीतीश कुमार के साथ-साथ हर बिहारियों के मन में आज भी है। अशोक चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इफ्तार और फलहार के बीच अनावश्यक विवाद उत्पन्न कर गंगा-जमुनी तहजीब को बदनाम करना चाहती है। भाजपा महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार में आई थी। जब गैस सिलेंडर की कीमत 500 रूपये थी तब भाजपा के लोग तत्कालीन केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन करते थे। आज वही गैस सिलेंडर की कीमत 1100 रुपये है लेकिन भाजपा का कोई नेता इस विषय पर केंद्र सरकार से सवाल नहीं करता। खाने-पीने की वस्तुओं पर हर दिन दाम बढ़ रहे हैं, बढ़ती महंगाई आज देश के गरीबो के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन चुकी है लेकिन भाजपा के नेता केवल हिन्दू-मुसलमान की बातें कर आम जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

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