December 3, 2025

प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन, निर्विरोध होगा निर्वाचन

पटना। बिहार की राजनीति में सोमवार का दिन महत्वपूर्ण साबित हुआ, जब गया सदर से नौवीं बार विधायक चुने गए वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। उनके नामांकन के बाद यह लगभग निश्चित माना जा रहा है कि वे निर्विरोध रूप से इस पद के लिए चुने जा सकते हैं।
18वीं विधानसभा सत्र की शुरुआत और शपथ ग्रहण
बिहार विधानसभा का 18वां सत्र सोमवार से शुरू हुआ, जिसके पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। यह सत्र 1 दिसंबर से 5 दिसंबर 2025 तक चलेगा। सत्र का दूसरा दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए निर्धारित है। चूंकि अध्यक्ष पद के लिए प्रेम कुमार का नामांकन अकेले हुआ है, इसलिए उनके निर्विरोध चुने जाने के प्रबल आसार बन गए हैं। नई सरकार के गठन के बाद यह पहला सत्र है, जिसमें कई विधायी कार्यों और वित्तीय प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पहले से ही सतर्क है और विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम और धारा 163 लागू
सत्र के दौरान पटना में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू रहेगी। इस धारा के तहत किसी भी प्रकार की रैली, विरोध प्रदर्शन या जुलूस पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। जिला प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि विधानसभा परिसर और आसपास के इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके और सत्र बिना अवरोध के संचालित हो सके। प्रशासन ने बताया है कि विधानसभा भवन के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ-साथ सीसीटीवी निगरानी भी बढ़ा दी गई है।
प्रेम कुमार का राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता
प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन उनके लंबे राजनीतिक अनुभव और संगठन में उनकी पकड़ को दर्शाता है। वे गया सदर सीट से लगातार नौ बार विधायक चुने गए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मंत्री के रूप में भी वह कई विभागों को संभाल चुके हैं। नामांकन के समय मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि यह अवसर उनके लिए अत्यंत सम्मान की बात है और वे पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि वे सत्र को सुचारू, अनुशासित और पारदर्शी तरीके से चलाने का हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी जताया कि जनता ने जो भरोसा उन्हें बार-बार दिया है, वह उनकी सबसे बड़ी ताकत है और वे जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास जारी रखेंगे।
नई सरकार और सदन का एजेंडा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी नई सरकार के लिए यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कई विधेयक और वित्तीय मुद्दे सत्र में रखे जाने की संभावना है। राज्यपाल के अभिभाषण और विभिन्न विभागों के जवाब भी सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष का पद सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने और सभी दलों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दृष्टि से प्रेम कुमार का अनुभव और सादगीपूर्ण छवि उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
विपक्ष की रणनीति और सदन में माहौल
सत्र के दौरान विपक्ष भी सक्रिय रहने वाला है। महागठबंधन ने पहले ही तय किया है कि विधानसभा में वे मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। हालांकि अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से किसी नाम का प्रस्ताव नहीं दिया गया, जिससे प्रेम कुमार का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय माना जा रहा है। सत्र के शुरुआती दिनों में सदन का माहौल शांतिपूर्ण रहा, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में विपक्ष किस प्रकार सरकार को घेरने की कोशिश करता है। प्रेम कुमार का विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन बिहार की राजनीति में एक बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। उनका निर्विरोध निर्वाचन जहां सत्तारूढ़ दल की एकजुटता को दर्शाता है, वहीं सदन के सुचारू संचालन की उम्मीदें भी बढ़ाता है।

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