पोस्टर बॉय बनने के बाद विधायक जी हुए प्रकट, बाढ़ प्रभावितों को कराया एहसान का एहसास, देखें वीडियो

पटना/बाढ़। पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल अंतर्गत अथमलगोला प्रखंड का रामनगर दियारा पंचायत लगभग एक सप्ताह से बाढ़ की विभीषिका से दो-चार हो रहा है लेकिन हमारे माननीय विधायक की आंख अब जाकर खुली है, वह भी तब जब बाढ़ की विभीषिका की दंश झेल रहे रामनगर पंचायत के ग्रामीणों ने अपने विधायक की खोजबीन शुरू की। खोजबीन करने के बाद भी जब विधायक जी प्रकट नहीं हुए तब ग्रामीणों को नई तरकीब सूझी और ग्रामीणों ने बजापता पोस्टर लगाकर बाढ़ के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के लापता होने की सूचना प्रकाशित किया। अपने को लापता देख माननीय विधायक नींद से जागे और बाढ़ प्रभावित रामनगर पंचायत का दौरा करने निकल पड़े, जबकि दूसरी ओर सूबे के मुखिया नीतीश कुमार बाढ़ की विभीषिका झेल रहे बिहार पर नजरें गड़ाए बैठे हुए हैं और हर पल बारिश और बाढ़ की अपडेट ले रहे हैं लेकिन एनडीए के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू तब जाकर एक्शन मोड में दिखे जब उन्हें लगने लगा कि रामनगर पंचायत के लोग उनसे काफी खफा हैं। इससे उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। तब उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं व समर्थकों की टोली के साथ शुक्रवार को रामनगर बाढ़ प्रभावित पंचायत का दौरा किया लेकिन यहां भी उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है जो लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए यहां तक तो सही कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच जरूरी समाने वितरित की जा रही है और सर्वे के बाद उन्हें ₹6000 राशि मुहैया कराई जाएगी लेकिन उसके बाद उन्होंने जो कहा उससे ऐसा लग रहा है कि वह बाढ़ प्रभावितों के जख्म पर मरहम लगाने नहीं बल्कि उस जख्म को और गहरा करने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि मैंने इस पंचायत पर तकरीबन 40 करोड़ रुपया खर्च कर विकास किया है। यह हमारा ही देन है कि आज यहां सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण संभव हो पाया है, जिस पर बाढ़ प्रभावित शरण लिए हुए हैं अगर यह सड़क, पुल और पुलिया नहीं होता तो यह लोग कहां होते यह कोई नहीं जानता। यह बिहार का संभवत एकमात्र ऐसा गांव है जिस पर इतना खर्च किया गया है।

खैर, माननीय विधायक जी लेकिन आप यह भूल गए कि यह लोग जो आज बाढ़ की विभीषिका का दंश झेलने को मजबूर हैं। उन्हीं लोगों के वोटों के कारण आप आम से खास बने हैं। मतलब आप समझ ही गए होंगे कि इनके एक-एक वोट कीमती हैं। जिसके कारण आप माननीय कहलाते हैं। बात रही विकास की तो आपके मुख्यमंत्री के मुख्य एजेंडे में विकास शब्द ही शामिल है। इसी विकास शब्द पर बिहार की जनता नीतीश कुमार को विकास पुरुष के नाम से जानती और पहचानती है।

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