मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बढ़ाया महिलाओं का सम्मान और आत्मविश्वास,महिला समागम सम्पन्न

पटना।जदयू महिला समागम के तीन दिवसीय जिला सम्मेलन के अंतिम दिन खगड़िया, मधुबनी, दरभंगा, बक्सर, किशनगंज, नालंदा, लखीसराय, सीवान, वैशाली, कटिहार एवं औरंगाबाद में सम्मेलन का आयोजन हुआ। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं संसदीय दल के नेता श्री आरसीपी सिंह नालंदा में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। वहीं महिला समागम के लिए गठित 12 टीमों की नेत्रियों में श्रीमती कहकशां परवीन, सांसद खगड़िया में, डॉ. रंजू गीता, स.वि.स. मधुबनी में, श्रीमती कविता सिंह, स.वि.स. दरभंगा में, श्रीमती रेणु देवी, पूर्व स.वि.स. बक्सर में, प्रो. हरपाल कौर, पूर्व अध्यक्ष, महिला जदयू किशनगंज में, श्रीमती अंजली सिन्हा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य नालंदा में, डॉ. सुहेली मेहता, प्रदेश प्रवक्ता लखीसराय में, डॉ. भारती मेहता, प्रदेश प्रवक्ता सीवान में, सुश्री अंजुम आरा, प्रदेश प्रवक्ता वैशाली में, श्रीमती कंचन गुप्ता, अध्यक्ष, महिला जदयू कटिहार में एवं श्रीमती श्वेता विश्वास, प्रदेश प्रवक्ता औरंगाबाद में मौजूद रहीं।नालंदा में अपने संबोधन में श्री आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के युगांतरकारी कार्यों से बिहार में महिलाओं का सम्मान और उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उनमें निर्णय लेने की क्षमता आई है। उन्होंने सात निश्चय योजना, कन्या उत्थान योजना, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना आदि की चर्चा करते हुए कहा कि इन योजनाओं की मदद से हमारी बेटिय़ां आज नए जमाने के साथ कदमताल करने की स्थिति में हैं।जिला महिला समागम में नेत्रियों ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही श्री नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू की। कन्या-सुरक्षा जैसी योजनाओं से बेटियों को सुरक्षा प्रदान की। आज बेटियों के जन्म से लेकर उनके स्नातक होने तक सारी जिम्मेदारियां बिहार सरकार उठा रही हैं। दो पहिए की साइकिल आज बेटियों के उत्थान का प्रतीक बन चुकी हैं।  प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी डॉ. नवीन कुमार आर्य ने बताया कि जदयू महिला समागम के तीन दिवसीय सम्मेलन को आशानुरूप शानदार सफलता मिली। समागम के लिए गठित नेत्रियों की सभी 12 टीमों ने श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए युगांतरकारी कार्यों को बहन-बेटियों के बीच रखने का काम किया। खासकर महिलाओं के उत्थान के लिए चल रही योजनाओं से उन्हें अवगत कराया गया ताकि उनका लाभ उठाकर आधी आबादी बढ़ते बिहार का हिस्सा बन सके।

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