फतुहा स्टेशन पर अधेड़ के शव को पुलिस ने किया बरामद, ठंड से मौत की आशंका, जांच जारी

पटना। दानापुर रेल मंडल अंतर्गत फतुहा स्टेशन से सोमवार सुबह एक अधेड़ व्यक्ति का शव बरामद किया गया। यह घटना स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 6 के यात्री शेड के नीचे हुई, जहां यात्रियों ने एक व्यक्ति को मृत अवस्था में देखा। यात्रियों ने तुरंत रेल पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पटना भेज दिया। शव की पहचान 50 वर्षीय राजकिशोर राम के रूप में हुई, जो पटना जिले के धनरुआ प्रखंड के कैली गांव के निवासी थे। मृतक की पहचान सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों की सहायता से की गई। पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है, लेकिन मौत के कारण को लेकर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ठंड के कारण व्यक्ति की मौत हुई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि मौत का असल कारण क्या था। ठंड के मौसम में इस तरह की घटनाएं आम होती जा रही हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो खुले स्थानों या असुरक्षित परिस्थितियों में रात गुजारते हैं। रेल थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मौत का कारण ठंड लग रहा है। हालांकि, पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय परिस्थिति या संदेह को स्पष्ट किया जा सके। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक जानकारी उपलब्ध हो पाएगी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को मृतक के परिजनों को सौंप दिया। इस घटना से मृतक के परिवार और आसपास के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई है। फतुहा स्टेशन की इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। ठंड के मौसम में रेलवे स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बेघर और कमजोर लोगों की स्थिति चिंताजनक है। हर साल देश के विभिन्न हिस्सों में ठंड से होने वाली मौतें सुर्खियों में आती हैं, लेकिन उनके समाधान के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए जाते। रेलवे स्टेशनों पर मौजूद ऐसे यात्रियों और बेघर लोगों के लिए कोई ठोस व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे ठंड के दौरान उन्हें सुरक्षित स्थान और मदद मिल सके। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों को इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। यह घटना इस बात पर ध्यान आकर्षित करती है कि समाज और सरकार को ठंड के दौरान कमजोर वर्गों के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए। रैन बसेरा (रात्री आश्रय गृह) और ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों और कंबलों का वितरण जैसी पहलें इस प्रकार की घटनाओं को रोक सकती हैं। इसके अलावा, रेलवे और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे व्यक्तियों की पहचान करके समय पर मदद पहुंचाई जानी चाहिए। फतुहा स्टेशन पर हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने न केवल मृतक के परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर संदेश दिया है। ठंड से सुरक्षा के लिए सभी को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। प्रशासन को भी ठंड के मौसम में सुरक्षा और मदद के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। इस घटना से सबक लेकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में काम करना होगा।
