पटना में शराब माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, चला विशेष छापेमारी अभियान, अवैध शराब बरामद

पटना। बिहार में 1 अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लागू की गई पूर्ण शराबबंदी को नौ वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद अवैध शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र में एक बड़ी पुलिस कार्रवाई सामने आई है, जिसमें भारी मात्रा में अवैध देसी और विदेशी शराब बरामद की गई है। इस कार्रवाई का नेतृत्व टाउन एएसपी दीक्षा ने किया, जिसमें पिरबहोर थाना, कदमकुआं थाना और अतिरिक्त पुलिस बल शामिल था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पूर्वी लोहानीपुर इलाके में देर रात छापेमारी की और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई स्थानीय लोगों के लिए चौंकाने वाली रही, क्योंकि पुलिस ने कई घरों और ठिकानों की तलाशी ली और शराब की बड़ी खेप बरामद की। बरामद की गई शराब पड़ोसी राज्यों जैसे झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से तस्करी के जरिए लाई गई थी। गिरफ्तार व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है, जिससे शराब माफिया के नेटवर्क, तस्करी के रास्तों और शामिल लोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। बिहार सरकार के आंकड़ों के अनुसार, शराबबंदी लागू होने के बाद से अब तक 9.36 लाख मामले दर्ज हुए हैं और 14.32 लाख लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आबकारी विभाग ने 3.86 करोड़ लीटर अवैध शराब जब्त की है, जिसमें से 97% शराब नष्ट की जा चुकी है। बावजूद इसके, तस्करों का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है और पुलिस को चकमा देने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। इस ताजा कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि शराब माफिया अब भी सक्रिय हैं और उनके खिलाफ पुलिस को लगातार सतर्क रहना पड़ रहा है। हालांकि, यह छापेमारी एक साहसिक कदम जरूर है, लेकिन इससे समस्या की जड़ तक पहुंच पाना अभी बाकी है। सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी कार्रवाइयों से अवैध शराब तस्करी के इस मजबूत नेटवर्क को तोड़ा जा सकेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब तस्करों की सूची तैयार करने और सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन जब तक तस्करी की जड़ों पर गहरी चोट नहीं की जाती और सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी नहीं बढ़ाई जाती, तब तक शराबबंदी कानून की प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहेंगे। कदमकुआं की यह कार्रवाई निश्चित रूप से माफियाओं को चेतावनी है, लेकिन यह केवल शुरुआत है – असली लड़ाई अभी बाकी है।
