पटना में परीक्षा अभ्यर्थियों पर पुलिस का लाठीचार्ज, सीएम आवास का घेराव करने निकले, महिला समेत कई घायल

पटना। राजधानी पटना में सोमवार को शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ा बवाल देखने को मिला। एसटीईटी, बीटीईटी और लाइब्रेरियन परीक्षा की तिथि जल्द घोषित करने की मांग को लेकर हजारों अभ्यर्थी पटना कॉलेज परिसर से मुख्यमंत्री आवास घेराव के लिए निकले। लेकिन डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे महिला अभ्यर्थी समेत कई छात्र घायल हो गए। सुबह से ही अभ्यर्थी पटना कॉलेज में जुटने लगे थे। दोपहर तक जुलूस की शक्ल में छात्र-छात्राएं भिखना पहाड़ी, खेतान मार्केट और जेपी गोलंबर होते हुए डाकबंगला चौराहे तक पहुंचे। यहां से सभी का इरादा सीधा मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का था। पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था। चौराहे पर बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया गया था और वाटर कैनन की गाड़ियां भी मौके पर मौजूद थीं। जैसे ही भीड़ ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने बल प्रयोग शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठियां भांजी गईं। इस दौरान भगदड़ मच गई और कई छात्र-छात्राएं घायल हो गए।लाठीचार्ज से पहले स्थिति संभालने के लिए प्रशासन ने कुछ छात्र नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया। छात्रनेता खुशबू पाठक समेत पांच प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया। वहीं मौके पर पहुंचे मजिस्ट्रेट एम.एच. खान से अभ्यर्थियों ने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री से मिलने की गुहार लगाई। एक अभ्यर्थी ने तो उनके पैर पकड़कर कहा— “सर, हमें मुख्यमंत्री से मिलवा दीजिए। हमारी पूरी पढ़ाई और भविष्य इसी परीक्षा पर टिका है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 4 अगस्त को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर घोषणा की थी कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (टीआरई-4) का आयोजन वर्ष 2025 में और टीआरई-5 का आयोजन वर्ष 2026 में किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि एसटीईटी परीक्षा टीआरई से पहले कराई जाएगी। इस घोषणा से यह साफ हो गया कि अब एसटीईटी परीक्षा वर्ष 2026 में ही होगी। यही बात अभ्यर्थियों के गुस्से की मुख्य वजह बनी। छात्रों का कहना है कि यदि एसटीईटी 2026 में आयोजित होगा तो टीआरई-4 में आवेदन का मौका हजारों प्रशिक्षु छात्रों से छिन जाएगा। सत्र 2022-24 और 2023-25 के बीएड एवं बीटीएस प्रशिक्षु छात्र बिना एसटीईटी पास किए आवेदन के अयोग्य माने जाएंगे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षा विभाग और बोर्ड ने पहले कहा था कि एसटीईटी साल में दो बार आयोजित कराया जाएगा। इस वादे पर भरोसा करके ही छात्रों ने तैयारी की थी। लेकिन अचानक परीक्षा को 2026 तक टालने से पूरा कैरियर दांव पर लग गया है। एक अभ्यर्थी ने सोशल मीडिया पर लिखा— एसटीईटी हर हाल में टीआरई-4 से पहले होना चाहिए। सरकार ने हमें ठगा है। हमारी मेहनत और समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं।” वहीं एक अन्य ने कहा— “हमारी पूरी तैयारी इस उम्मीद पर थी कि एसटीईटी होगा और हम टीआरई-4 में आवेदन कर पाएंगे, लेकिन सरकार ने अचानक दिशा बदल दी। लाठीचार्ज के बाद पूरे डाकबंगला इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा। भगदड़ में कई छात्र गिरे और घायल हुए। घायल अभ्यर्थियों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रशासन की ओर से स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। अभ्यर्थियों ने साफ किया है कि उनकी लड़ाई यहीं खत्म नहीं होगी। वे लगातार आंदोलन जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एसटीईटी की तिथि टीआरई-4 से पहले घोषित नहीं करती। दूसरी ओर शिक्षा विभाग का कहना है कि परीक्षा का आयोजन तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा और छात्रों से संयम रखने की अपील की गई है। कुल मिलाकर, सोमवार को पटना में हुए इस प्रदर्शन ने एक बार फिर बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षाओं की अव्यवस्था और सरकार के निर्णयों पर उठ रहे सवालों को उजागर कर दिया। अभ्यर्थियों के आक्रोश और सरकार के रुख के बीच टकराव आने वाले दिनों में और बढ़ सकता है।
