December 17, 2025

सारण में जहरीली शराब का कहर, एक की आंखों की रोशनी गई, तस्कर के तलाश में छापेमारी जारी

सारण। सारण में जहरीली शराब पीने से एक युवक की आंखों की रोशनी चली गई। घटना मकेर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव की है। पीड़ित की पहचान रमेश महतो के रूप में हुई है। रमेश ने की शाम गांव में शराब तस्कर से शराब खरीदकर पी। रात करीब 11 बजे उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर ले गए। चिकित्सा प्रभारी डॉ. गोपाल कृष्ण प्रसाद ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। मरीज ने खुद शराब पीने की बात स्वीकार की है।.घटना की जानकारी मिलते ही बुधवार को मकेर थानाध्यक्ष राम निवास कुमार पुलिस बल के साथ जगदीशपुर गांव पहुंचे। पीड़ित की पत्नी से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी ली। थानाध्यक्ष ने बताया कि शराब तस्करों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। मद्य निषेध विभाग के सहायक आयुक्त का कहना है कि इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। उन्होंने पता कराकर जांच कराने का आश्वासन दिया है। डॉ. गोपाल कृष्ण प्रसाद ने बताया कि मामला शराब सेवन से जुड़ा है। जांच के दौरान मरीज ने खुद स्वीकार किया कि उसने शराब पी थी। इसके बाद उसकी आंखों की रोशनी धुंधली होने लगी। लक्षणों से भी साफ था कि मामला शराब सेवन से जुड़ा है। फिलहाल उसकी हालत में सुधार की कोशिश की जा रही है, लेकिन दृष्टि प्रभावित होने के कारण खतरा अभी भी बना हुआ है। चार साल पहले इसी जगदीशपुर में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत हुई थी। कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री जारी है। उन्होंने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। सारण में जहरीली शराब का खतरा नया नहीं है। दिसंबर 2022 में दोइला और यदु मोट गांव में जहरीली शराब से 73 लोगों की मौत हुई थी, जो अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी रही। 4 अगस्त 2022 को मकेर के भाथा गांव में 11 लोग मारे गए थे। अक्टूबर 2024 में मशरख के इब्राहिमपुर और सीवान के मधर गांव में कुल 30 से ज्यादा मौतें हुई। 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब से हो चुकी है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।

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