अमेरिका के टैरिफ पर पीएम का दो टूक, कहा- भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे चुकानी पड़े कोई भी कीमत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने भारत से आयातित सामानों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
अमेरिका के टैरिफ फैसले से भारत को नुकसान की आशंका
अमेरिका द्वारा घोषित नए टैरिफ के तहत भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले उत्पादों पर 7 अगस्त से 25 प्रतिशत आयात शुल्क लागू किया गया है। इसके साथ ही 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। इससे भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे वहां इनकी मांग में कमी आ सकती है। अमेरिकी आयातक अब दूसरे देशों से सामान खरीदने की ओर झुक सकते हैं, जिससे भारत को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पीएम मोदी का स्पष्ट रुख: किसानों का हित सर्वोपरि
इन परिस्थितियों के बीच प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना कि चाहे उन्हें व्यक्तिगत रूप से कितनी भी बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़े, लेकिन वह अपने देश के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित में कोई समझौता नहीं करेंगे, यह भारत की नीति में आत्मनिर्भरता और दृढ़ता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब पूरी तरह तैयार है और हर परिस्थिति का सामना आत्मविश्वास से करेगा।
एमएस स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि और उनकी नीतियों का स्मरण
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते हुए देश के कृषि क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान समय और सीमाओं से परे होता है, और स्वामीनाथन उन्हीं में से एक थे। उन्होंने विज्ञान को समाजसेवा का माध्यम बनाया और खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का प्रमुख उद्देश्य बना लिया।
स्वामीनाथन के साथ गुजरात काल का अनुभव साझा किया
मोदी ने अपने वक्तव्य में बताया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब राज्य को बार-बार सूखे और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता था। उस दौर में कृषि संकट में थी, विशेषकर कच्छ क्षेत्र में रेगिस्तान का तेजी से विस्तार हो रहा था। इस समय उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना शुरू की, जिसे स्वामीनाथन का सक्रिय समर्थन मिला। उन्होंने योजना को बेहतर बनाने में सुझाव दिए और मार्गदर्शन किया, जिसका परिणाम यह हुआ कि यह पहल काफी सफल रही।
खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में भारत
पीएम मोदी के अनुसार स्वामीनाथन की सोच आने वाले समय में भारत की कृषि नीतियों का मार्गदर्शन करती रहेगी। उनके विचारों से प्रेरित होकर भारत ने अनेक कदम उठाए हैं जिनमें किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, और प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना शामिल है। स्वामीनाथन का योगदान कृषि के हर पहलू को प्रभावित करता है – उत्पादन, भंडारण, बाजार और किसान की आय को सुनिश्चित करने तक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका के टैरिफ निर्णय पर लिया गया स्पष्ट और दृढ़ रुख भारत की वैश्विक स्थिति में आत्मविश्वास को दर्शाता है। वहीं, एमएस स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए उनके विचारों को देश की कृषि नीति में लागू करने का संकल्प यह बताता है कि भारत एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। यह संदेश केवल अमेरिका को नहीं, बल्कि समस्त अंतरराष्ट्रीय समुदाय को है कि भारत अब अपने निर्णय स्वयं लेता है और अपने हितों की रक्षा हर हाल में करेगा।
