December 23, 2025

बंगाल में ममता बनर्जी पर बरसे पीएम, कहा- यहां कमीशन वाली सरकार, विकास के लिए बदलाव चाह रहे लोग

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तीखी बयानबाजी के केंद्र में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता एयरपोर्ट से नादिया जिले के राणाघाट में आयोजित एक कार्यक्रम को फोन के माध्यम से वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। पीएम मोदी ने बंगाल की सरकार को “कमीशन वाली सरकार” बताते हुए कहा कि राज्य में विकास के लिए धन की कमी नहीं है, बल्कि समस्या सरकार की नीयत और कार्यशैली की है।
विकास में बाधा का आरोप
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज भी बंगाल में हजारों करोड़ रुपये के विकास परियोजनाएं अटकी हुई हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से विकास के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया गया है, लेकिन राज्य सरकार की कार्यप्रणाली के कारण वे योजनाएं जमीन पर उतर नहीं पा रही हैं। मोदी ने कहा कि वे बंगाल की जनता के सामने अपनी पीड़ा रखना चाहते हैं और यह बताना चाहते हैं कि विकास को जानबूझकर रोका जा रहा है।
टीएमसी और मोदी विरोध पर टिप्पणी
पीएम मोदी ने तृणमूल कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर टीएमसी को नरेंद्र मोदी का विरोध करना है तो वह सौ बार करे, हजार बार करे। उन्होंने कहा कि भाजपा का विरोध करना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन बंगाल के विकास को रोकना और आम जनता को परेशान करना किसी भी तरह से उचित नहीं है। प्रधानमंत्री के मुताबिक, राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन विकास के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन
अपने वर्चुअल संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल में 3,200 करोड़ रुपये की लागत से बने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य में संपर्क व्यवस्था को बेहतर बनाएंगी और आर्थिक गतिविधियों को गति देंगी। पीएम ने यह भी संकेत दिया कि केंद्र सरकार बंगाल के विकास के लिए लगातार काम कर रही है, भले ही राज्य सरकार सहयोग न कर रही हो।
मौसम बना कार्यक्रम में बाधा
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार सुबह करीब 10.40 बजे दिल्ली से कोलकाता पहुंचे थे। वहां से उन्हें हेलिकॉप्टर के जरिए नादिया जिले के ताहिरपुर जाना था, लेकिन घने कोहरे के कारण हेलिकॉप्टर हेलीपैड पर उतर नहीं सका। अधिकारियों के अनुसार, हेलिकॉप्टर कुछ देर तक हेलीपैड के ऊपर मंडराता रहा, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वापस कोलकाता एयरपोर्ट लौटना पड़ा। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को फोन के माध्यम से संबोधित किया।
मौसम को राजनीति से न जोड़ने की बात
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार मौसम ने कठिनाइयां पैदा की हैं, जिसकी वजह से वे कार्यक्रम स्थल तक नहीं पहुंच सके। उन्होंने यह भी कहा कि वे ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो मौसम की परेशानी को राजनीति का रंग दें। प्रधानमंत्री ने जनता से वादा किया कि वे दोबारा बंगाल आएंगे, लोगों से मिलेंगे और बार-बार आकर उनका दर्शन करेंगे।
बंगाल पहुंचने से पहले सोशल मीडिया पर हमला
कोलकाता पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी बंगाल सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि बंगाल के लोगों को केंद्र सरकार की कई योजनाओं का लाभ मिल रहा है, लेकिन वे तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से परेशान हैं। पीएम ने यह भी आरोप लगाया कि बंगाल में टीएमसी सरकार ने जनता से लूटपाट और डराने-धमकाने की सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में भाजपा ही लोगों की एकमात्र उम्मीद बनकर उभरी है।
तृणमूल कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी। टीएमसी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना सही है कि बंगाल परेशान है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार है, न कि राज्य सरकार। पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2017-18 से 2023-24 के बीच बंगाल से जीएसटी और डायरेक्ट टैक्स के रूप में करीब 6.5 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं, लेकिन राज्य का लगभग 2 लाख करोड़ रुपये अब भी रोक कर रखा गया है।
बंगाल की पहचान और संस्कृति का मुद्दा
टीएमसी ने एक अन्य पोस्ट में केंद्र सरकार पर बंगाल की संस्कृति, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहचान का अपमान करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि बंगाल के लोगों को अपनी मातृभाषा बोलने पर बांग्लादेशी कहा जा रहा है, उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है और कुछ मामलों में गलत तरीके से देश से बाहर भी भेजा जा रहा है। टीएमसी का कहना है कि ये सभी बातें बंगाल की जनता में असुरक्षा और आक्रोश पैदा कर रही हैं।
रैली में उठे सुरक्षा के सवाल
प्रधानमंत्री की रैली में मौजूद एक महिला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बंगाल में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। इस बयान ने भी राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर बहस को और तेज कर दिया। भाजपा लगातार यह मुद्दा उठाती रही है कि बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी समस्या है, जबकि टीएमसी इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताती है।
असम दौरे का कार्यक्रम
बंगाल के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम दो दिनों के लिए असम दौरे पर रवाना होंगे। असम में वे करीब 15,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। गुवाहाटी के बोरगांव स्थित शहीद स्मारक में वे असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। यह आंदोलन असम की पहचान बचाने और अवैध विदेशियों के खिलाफ हुआ था।
नामरूप और डिब्रूगढ़ के कार्यक्रम
इसके बाद प्रधानमंत्री नामरूप जाएंगे, जहां वे खाद परियोजना का भूमि पूजन करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। डिब्रूगढ़ के नामरूप में वे बीवीएफसीएल की नई अमोनिया-यूरिया खाद परियोजना का भी भूमि पूजन करेंगे। इन परियोजनाओं को असम और पूर्वोत्तर के औद्योगिक विकास के लिए अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे और उनके बयानों ने राज्य की राजनीति में नई गर्मी पैदा कर दी है। एक ओर भाजपा बंगाल में बदलाव और विकास की बात कर रही है, तो दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस केंद्र सरकार पर राज्य की उपेक्षा का आरोप लगा रही है। आने वाले समय में यह टकराव और तेज हो सकता है, खासकर चुनावी माहौल के मद्देनजर। बंगाल की जनता अब इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह तय करेगी कि विकास और शासन के मुद्दे पर किस पर भरोसा किया जाए।

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