November 18, 2025

पीके का बीजेपी पर हमला, दिलीप जायसवाल से मंगल पांडेय ने ली 25 लाख की घूस, दिल्ली में खरीदा फ्लैट

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। जन सुराज पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार और नेता प्रशांत किशोर इन दिनों भारतीय जनता पार्टी पर लगातार हमले कर रहे हैं। ताजा बयान में उन्होंने भाजपा के दो बड़े नेताओं पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जिससे सियासी हलचल और बढ़ गई है।
भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि वर्ष 2019 में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से 25 लाख रुपये घूस ली थी। उनका दावा है कि इस धनराशि का इस्तेमाल दिल्ली के द्वारका इलाके में मंत्री की पत्नी के नाम पर फ्लैट खरीदने के लिए किया गया। पीके के मुताबिक, इस लेन-देन के बदले दिलीप जायसवाल के स्वामित्व वाले किशनगंज स्थित मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाया गया।
फ्लैट खरीद पर सवाल
प्रशांत किशोर ने आगे आरोप लगाया कि यह फ्लैट दिल्ली के द्वारका सेक्टर-6 में स्थित है और इसे मंत्री की पत्नी उर्मिला पांडेय के नाम पर खरीदा गया था। उन्होंने दावा किया कि फ्लैट की कुल कीमत 86 लाख रुपये थी, जिसमें 25 लाख रुपये घूस की राशि के रूप में इस्तेमाल किए गए। यह घटना उस समय की बताई जा रही है, जब कोरोना महामारी का दौर चल रहा था और पूरा बिहार स्वास्थ्य संकट से जूझ रहा था।
कोरोना काल में खरीदारी पर आलोचना
पीके ने सवाल उठाया कि जब राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई थी और लोग इलाज के लिए परेशान थे, तब स्वास्थ्य मंत्री दिल्ली में संपत्ति खरीदने में व्यस्त थे। उनके मुताबिक, यह न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि राज्य की जनता के साथ धोखा भी है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के रहते भ्रष्टाचार पर रोक लगाना मुश्किल है।
भाजपा पर सीधा निशाना
प्रशांत किशोर ने अपने बयान में यह भी कहा कि भाजपा नेतृत्व को इन आरोपों पर सफाई देनी चाहिए और यदि इनमें सच्चाई है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उनका कहना है कि जनता को यह जानने का हक है कि उनके नेताओं की वित्तीय गतिविधियां पारदर्शी हैं या नहीं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि बिहार में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं और सत्ता पक्ष के बड़े नेता इसमें लिप्त हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया की संभावना
पीके के इस आरोप से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा की ओर से इन आरोपों का खंडन किया जाएगा और शायद पीके के खिलाफ मानहानि का मामला भी दर्ज कराया जा सकता है। वहीं, विपक्षी दल इस बयान को चुनावी मुद्दा बनाने में देर नहीं करेंगे। चुनावी माहौल में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप आम हैं, लेकिन जब आरोपों में दस्तावेजी प्रमाण या ठोस तथ्य जुड़ते हैं, तो उनका असर चुनावी नतीजों पर भी पड़ सकता है। प्रशांत किशोर का यह बयान आने वाले दिनों में बिहार की सियासत को और गरमा सकता है। अब देखना होगा कि भाजपा इन आरोपों का कैसे जवाब देती है और क्या यह मुद्दा चुनावी प्रचार में बड़ा हथियार बन पाता है या नहीं।

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