पटना में अज्ञात वाहन में पिकअप चालक को कुचला, दर्दनाक मौत
पटना। जिले के बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन पर बुधवार देर शाम हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में पिकअप चालक की मौत हो गई। यह घटना बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना गांव के पास घटी, जहां एक अज्ञात वाहन ने लापरवाही से टक्कर मार दी। मृतक की पहचान बेगूसराय जिले के तेघड़ा निवासी के रूप में हुई है। हादसा उस समय हुआ जब चालक अपनी पिकअप वाहन, जिसमें व्हाइट सीमेंट लदा था, की मरम्मत कर रहा था। बताया जाता है कि पिकअप अचानक खराब हो गई थी और चालक सड़क किनारे वाहन के नीचे लेटकर उसे ठीक करने में जुटा था। तभी पीछे से तेजी से आ रहे एक अज्ञात वाहन ने पिकअप में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पिकअप करीब दस मीटर तक घिसटते हुए पलट गई। हादसे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चालक वाहन की चपेट में आकर करीब तीस मीटर तक घसीटता चला गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जैसे ही स्थानीय लोगों ने घटना देखी, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। बाढ़ थाना की टीम घटनास्थल पर पहुंची और पूरी स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अनुमंडलीय अस्पताल भेजा, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद रात में ही शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस दुर्घटना से मृतक के घर में कोहराम मच गया है। परिजनों को सूचना मिलते ही रो-रोकर उनका बुरा हाल है। गौरतलब है कि पुलिस ने घटना से संबंधित किसी भी तरह की विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। वहीं, दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हुई पिकअप घंटों तक घटनास्थल पर ही पड़ी रही। रात में भी फोरलेन से जुड़े कर्मचारियों ने उसे हटाने से मना कर दिया, जिससे सड़क किनारे आवागमन प्रभावित रहा। यह स्थिति इलाके में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर आए दिन तेज रफ्तार वाहन चलते रहते हैं और इसी वजह से हादसे की संभावना हमेशा बनी रहती है। इसके बावजूद प्रशासन या सड़क प्रबंधन से जुड़े अधिकारी समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाते। हादसे को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा गया। उनका कहना था कि फोरलेन पर वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है। यह दुर्घटना न केवल एक परिवार की खुशियां छीनकर रख गई, बल्कि यह भी संकेत देती है कि सड़क सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। चालक का मरम्मत करने के दौरान अज्ञात वाहन की टक्कर से यूं जान गंवा बैठना यह दर्शाता है कि थोड़ी सी सावधानी और सख्त यातायात अनुशासन शायद उसकी जिंदगी बचा सकता था। कुल मिलाकर, यह घटना लापरवाही, तेज रफ्तार और सुरक्षा उपायों की कमी का दुखद उदाहरण है। मृतक चालक की असमय मौत ने उसके परिजनों का सहारा छीन लिया और इस हादसे ने पुनः यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक इस तरह की सड़क दुर्घटनाओं में निर्दोष लोगों की जान जाती रहेगी।


