पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाएं: संजय
फुलवारी शरीफ। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के अध्यक्ष संजय कुमार ने किसान भाईयों से आह्वान किया कि पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाएं एवं दुग्ध सहकारिता के माध्यम से ही दूध की आपूर्ति करें। सुधा से जुड़कर पशुओं के दुग्ध से ज्यादा लाभ कमायें, साथ ही साथ उपभोक्ता से भी आग्रह है कि आप ज्यादा से ज्यादा सुधा दूध एवं दुग्धजन्य पदार्थ का उपयोग करें ताकि 75 से 80 प्रतिशत पैसे गांव तक पहुंच सके एवं उनके बच्चे के चेहरे पर भी मुस्कान नजर आये। उन्होंने कहा कि यहां दुग्ध के मूल्य का निर्धारण फैट/एस.एन.एफ. पर किया जाता है। हमारी संस्था को उच्च गुणवत्ता के मानक के रूप में ई क्वालिटी मार्क भी मिले हुए हैं। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के कार्यक्षेत्र में अभी तक 20 प्रतिशत महिला समितियां कार्यरत हो चुकी है एवं आगे भी महिला समितियों का गठन किया जा रहा है। समिति एवं संघ के निदेशक मंडल में भी 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। बिहार में दुग्ध उत्पादन खपत से अधिक है। वैशाली जिला अन्तर्गत गोरीगामा ग्राम निवासी पीडीपी अध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि उनका परिवार शुरू से ही खेती-किसानी से जुड़ा रहा है। उनके पिताजी एक कृषक के साथ-साथ गांव के मुखिया भी थे। दुग्ध सहकारिता से जुड़े परिवार से आने के चलते ही प्रेरित होकर वे भी दुग्ध सहकारिता से जुड़ गये। उन्होंने कहा कि पटना डेयरी प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य ग्राम स्तर पर रोजगार मुहैया कराना एवं उपभोक्ताओं तक शुद्ध दूध एवं दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराना है। पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार के सहयोग से विभिन्न जिलों में तरह-तरह के प्लांट, दुग्ध जांच मशीन, अनुदान पर मवेशी, अनुदान पर जांच मशीन मुहैया कराया गया है। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि दुग्ध उत्पादकों के विश्वास पर खड़ा उतरना है।