कोरोना इफेक्ट-फूल नही बिकने के वजह से मालाकारों ने सड़कों पर फुल फेंका
फतुहा। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के चलते छोटे कामगारों का हाल बहुत बुरा हो गया है लॉक डाउन के दौरान बिक्री ठप होने के कारण फूल उपजाने वालों को अंततः फूल फेंकने की स्थिति में आना पड़ा।शुक्रवार को रायपुरा मुहल्ले में पट्टे पर खेत लेकर फुल का उत्पादन करने वाले मालाकार समाज के दो मालाकार ने अपने हाथो से तोड़े हुए फुल को सड़क पर फेंक दिया। पीड़ित पप्पू माली व नवल माली की माने तो जब से लॉक डाउन हुआ है तब से एक भी व्यापारी फुल खरीदने नही आया है। हालांकि लॉक डाउन के शुरुआती दिनों में कुछ कारोबारी चोरी छिपे फुल खरीदकर ले गये थे। लेकिन प्रशासन द्वारा जैसे ही सख्ती की गई,व्यापारियों का आना बिल्कुल बंद हो गया। नतीजा है कि फुल बेकार घरों में खेत से आने के बाद पडे है। उनकी माने तो व्यापारियों के नही आने से उन्हे प्रतिदिन हजारो की क्षति हो रही है। उपर से पट्टे पर खेत में फूलों की उत्पादन की लागत नही निकलने की चिंता सता रही है। नवल माली की माने तो अब घर चलाना भी मुश्किल हो रही है लेकिन उन दोनो बताया कि महामारी से पहले निपटना है। यदि जीवित रहेंगे तो ऐसी फूलों की खेती हजार बार हो सकती है।


