पटना में दो लोगों से साइबर ठगी, अपराधियों ने खाते से उड़ाए पैसे, मामला दर्ज

पटना। पटना में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल दिया है। इस बार एम्स पटना के नर्सिंग ऑफिसर मो. तौफिक और रामकृष्णा नगर की निवासी पूजा कुमारी साइबर ठगी का शिकार बनी हैं। दोनों मामलों में अपराधियों ने तकनीक का दुरुपयोग कर बड़ी चालाकी से इन लोगों से लाखों रुपये ठग लिए।
शेयर के झांसे में फंसे नर्सिंग ऑफिसर
मो. तौफिक ने बताया कि वह इंस्टाग्राम पर एक पेज और लिंक के माध्यम से एक ग्रुप से जुड़े थे, जिसमें शेयर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स और मुनाफे की बातें की जा रही थीं। जब उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, तो वे एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिए गए, जहां उन्हें शेयर खरीदने और बेचने पर मुनाफा कमाने का लालच दिया गया।
शुरुआती मुनाफे ने बढ़ाया भरोसा
शुरुआत में उन्होंने कुछ पैसे निवेश किए, जिस पर उन्हें मुनाफा भी दिया गया। इससे उनका भरोसा बढ़ा और उन्होंने अधिक पैसा लगाना शुरू किया। बाद में उन्हें एक और वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां पर ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया। लेकिन धीरे-धीरे जब तौफिक ने कुल 12.66 लाख रुपये निवेश कर दिए, तो न मुनाफा मिला और न ही उनकी मूल रकम लौटाई गई।
फोन हैक कर निकाले पैसे
दूसरे मामले में पूजा कुमारी नाम की महिला के साथ धोखाधड़ी की गई। एक व्यक्ति ने खुद को बैंक मैनेजर बताकर उनसे संपर्क किया और उन्हें वाट्सएप स्क्रीन शेयरिंग के लिए राजी कर लिया। जैसे ही पूजा ने स्क्रीन शेयरिंग की अनुमति दी, फोन हैक हो गया और उनके खाते से 1.07 लाख रुपये की निकासी कर ली गई।
दोनों मामलों में केस दर्ज
इन दोनों ही मामलों को गंभीरता से लेते हुए पीड़ितों ने पटना के साइबर थाने में केस दर्ज करा दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।
साइबर अपराधों से सतर्क रहने की जरूरत
इन घटनाओं से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर लोगों को फंसाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसलिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने, स्क्रीन शेयरिंग करने या बड़ी रकम निवेश करने से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल जरूरी है।
जागरूकता ही सुरक्षा का सबसे बड़ा हथियार
पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियां लगातार लोगों को सतर्क रहने की अपील कर रही हैं। खासकर शेयर ट्रेडिंग, क्रिप्टो, या फाइनेंशियल स्कीमों के नाम पर आने वाले मैसेज और कॉल से बचना चाहिए। जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
