October 28, 2025

पटना में बिजली कटौती के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, पावर कट को लेकर किया हंगामा, जमकर की नारेबाजी

पटना। बिहार सरकार अक्सर यह दावा करती है कि राज्य के लोगों को अब बिजली की कमी नहीं झेलनी पड़ती। सरकार ने 125 यूनिट फ्री बिजली देने और 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति का वादा किया है। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग दिखाई दे रही है। राजधानी पटना जैसे बड़े शहर में ही लगातार बिजली कटौती की समस्या सामने आने लगी है। इसका ताजा उदाहरण दिदारगंज इलाके में देखने को मिला, जहां घंटों बिजली आपूर्ति बाधित रहने से लोग सड़कों पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
दिदारगंज में बिजली संकट
गुरुवार को सुबह से ही पटना सिटी के दिदारगंज इलाके में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप रही। लोग सुबह से रात तक बिजली का इंतजार करते रहे लेकिन सप्लाई बहाल नहीं हुई। रात करीब 9 बजे तक जब बिजली नहीं आई, तो शुक्रवार को नाराज उपभोक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने दिदारगंज बिजली कार्यालय का घेराव किया और मुख्य सड़क पर उतरकर विरोध शुरू कर दिया।
सड़क जाम और आगजनी
बिजली विभाग की लापरवाही से परेशान लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की। देखते ही देखते सड़क पर लंबा जाम लग गया और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। राहगीरों और वाहन चालकों को घंटों परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना था कि सरकार तो 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, लेकिन हकीकत यह है कि उन्हें एक दिन में कई-कई घंटे अंधेरे में रहना पड़ता है।
नाराजगी और नारेबाजी
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप था कि सरकार सिर्फ कागजों पर बिजली आपूर्ति दिखा रही है। जमीनी स्तर पर हालात बिल्कुल अलग हैं। उपभोक्ताओं ने मांग की कि दिदारगंज क्षेत्र में तुरंत बिजली आपूर्ति बहाल की जाए और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
पुलिस की दखलअंदाजी
जैसे ही बिजली कार्यालय के बाहर हंगामा बढ़ने लगा, वैसे ही मालसलामी थाना क्षेत्र की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया और आगजनी की स्थिति पर काबू पाया। हालांकि इस दौरान लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ और वे बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे।
विभाग की चुप्पी
मामले की गंभीरता को देखते हुए दिदारगंज विद्युत कार्यालय के एसडीओ से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। इस रवैये ने उपभोक्ताओं की नाराजगी और बढ़ा दी। लोगों का कहना है कि जब उपभोक्ता बिजली कटौती की शिकायत करते हैं तो विभाग के अधिकारी सुनवाई नहीं करते, जिससे समस्या और गंभीर हो जाती है।
सरकार के दावों पर सवाल
बिहार सरकार लगातार कहती है कि राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है और हर उपभोक्ता को 24 घंटे सप्लाई दी जा रही है। लेकिन दिदारगंज की घटना ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी। राजधानी पटना में ही अगर लोग बिजली कटौती से इतना परेशान हैं, तो ग्रामीण इलाकों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
लोगों की परेशानियां
बिजली कटौती का असर आम जीवन पर गहरा पड़ता है। गर्मी के मौसम में बिना बिजली के रहना लोगों के लिए बड़ी परेशानी है। छात्र पढ़ाई नहीं कर पाते, छोटे उद्योग-धंधे प्रभावित होते हैं और घरेलू कामकाज भी बाधित हो जाते हैं। खासकर शहरी क्षेत्रों में पानी की सप्लाई भी बिजली पर निर्भर रहती है, जिससे समस्या और बढ़ जाती है। पटना में बिजली कटौती को लेकर हुआ बवाल यह दिखाता है कि सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है। उपभोक्ता अब सिर्फ वादों से संतुष्ट नहीं हैं, वे वास्तविक सुधार चाहते हैं। जरूरत है कि सरकार और बिजली विभाग मिलकर ईमानदारी से आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करें और उपभोक्ताओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं और लोगों का गुस्सा और उग्र रूप ले सकता है।

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