PATNA : मरगूब दानिश के घर पहुंच रहे लोगों से मिल रहा परिवार को समर्थन, भाकपा माले आज फुलवारी का करेगी दौरा
फुलवारीशरीफ। फुलवारी से गिरफ्तार मरगूब दानिश का पाकिस्तान और कई अन्य इस्लामिक देशों से कनेक्शन के बारे में सच्चाई जानने के लिए उसके घर राजनीतिक दलों के लोगों का आना जाना लगा रहा भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और गोपाल रविदास के साथ ही राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं का भी मरगूब के परिवार से मुलाकात हुआ। इस दौरान लोगों ने मरगूब दानिश के परिवार को अपना समर्थन दिया और कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हवाई मार्ग दानिश के परिवार वाले सभी लोगों से ही करें उनका बेटा निर्दोष है और मानसिक बीमार है। नेताओं ने कहा है कि मरगूब दानिश के परिवार वाले जो अपने बेटे के बारे में बता रहे हैं उसके बारे में प्रशासन को पूरा सच पता लगाना चाहिए उसके बाद ही कोई कार्रवाई आगे बढ़ाना चाहिए। मालूम हो कि मरगूब दानिश के परिवार वाले का कहना है कि उसका कोई पासपोर्ट नहीं है और नहीं कभी देश से बाहर काम करने गया है इतना ही नहीं वह मानसिक रोगी है और वह फूल जरूर हरकतें जरूर करता रहा है। परिवार परिवार वालों ने अभी बताया है कि मोबाइल सेवा हमेशा चिपका रहता है रोकने पर गुस्सा हो जाता है। उधर दूसरी तरफ भाकपा-माले, एआइपीएफ और इंसाफ मंच की एक संयुक्त राज्यस्तरीय टीम कल दिनांक 19 जुलाई को फुलवारीशरीफ का दौरा करेगी। यह टीम पुलिस द्वारा आतंकवादी व देशविरोधी कार्रवाइयों के आरोप में मुस्लिम समुदाय के अबतक चार लोगों की हुई गिरफ्तारी के मामले की अपने स्तर से जांच-पड़ताल करेगी।जांच टीम में भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ। अमर, भाकपा-माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, फुलवारी से पार्टी विधायक गोपाल रविदास, पालीगंज से पार्टी विधायक संदीप सौरभ, पटना महानगर के सचिव अभ्युदय, एआइपीएफ के गालिब व अनिल अंशुमन; इंसाफ मंच के सूरज कुमार सिंह, कयामुद्दीन अंसारी, आफताब आलम, असलम रहमानी, आफ्शा जबीं, नसरीन बानो तथा स्थानीय पार्टी नेता शामिल रहेंगे।
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि फुलवारीशरीफ मामले में अबतक चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। हमारी प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार पुलिस गिरफ्तार लोगों के आतंकवादी या देशद्रोही गतिविधियों में शामिल होने का कोई ठोस सबूत अबतक पेश नहीं कर सकी है। ये गिरफ्तारियां शक के आधार पर की गई हैं, लेकिन इसकी आड़ में पूरे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ न केवल फुलवारीशरीफ बल्कि पूरे बिहार में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है और उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है। यह बेहद निंदनीय और राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस को इस बात की भी गारंटी करनी चाहिए कि उनकी कार्रवाइयों से समाज में किसी खास समुदाय के खिलाफ कोई माहौल न बने, लेकिन इस पर वह चुप है। अतः हमने पूरे मामले की और गहराई से जांच-पड़ताल करने तथा सच्चाई को सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय जांच टीम का गठन किया है। यह आश्चर्यजनक है कि खुद एसएसपी पटना ने पीएफआई की कार्यपद्धति की तुलना आरएसएस से की, जो मार्शल आर्ट्स का प्रशिक्षण देता है। पीएफआई कोई प्रतिबंधित संगठन भी नहीं है। फिर आखिर किस आधार पर पुलिस पीएफआई से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किए चल रही है? हमारी जांच टीम स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों से भी बात करेगी और उसके बाद अपनी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी।