भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह थामेंगे उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का दामन, आरा से चुनाव लड़ने की अटकलें हुई तेज
पटना। भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह अब राजनीति की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाते दिख रहे हैं। हाल ही में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा का दामन थाम सकते हैं। आज दिल्ली में दोनों नेताओं की मुलाकात प्रस्तावित है, जिससे इस संभावना को और बल मिला है। पवन सिंह पहले भी कई बार राजनीतिक मंचों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब यह साफ हो रहा है कि वे पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय होने जा रहे हैं।
आरा से चुनाव लड़ने की अटकलें
सूत्रों के अनुसार, पवन सिंह आगामी विधानसभा चुनाव में आरा सीट से उम्मीदवार बन सकते हैं। वे एनडीए गठबंधन के साथ खड़े होकर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से मैदान में उतर सकते हैं। आरा समेत पूरे शाहाबाद क्षेत्र—जिसमें भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिले आते हैं—की 22 सीटों पर पवन सिंह की मौजूदगी बड़ा असर डाल सकती है। भोजपुरी सिनेमा में उनकी लोकप्रियता और जनता से सीधा जुड़ाव इस संभावना को और मजबूत बनाते हैं।
एनडीए में संभावित वापसी
पवन सिंह ने हाल ही में बिहार बीजेपी के प्रभारी विनोद तावड़े और नेता ऋतुराज सिन्हा से मुलाकात की थी। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि उनकी एनडीए में वापसी लगभग तय है। इस वापसी के बाद गठबंधन को क्षेत्रीय स्तर पर बड़ा राजनीतिक लाभ मिल सकता है। खासकर भोजपुरी भाषी इलाकों में पवन सिंह की लोकप्रियता विपक्ष के लिए चुनौती खड़ी कर सकती है।
मनोरंजन से राजनीति की ओर सफर
पवन सिंह का राजनीति की ओर बढ़ता रुझान अचानक नहीं है। हाल ही में उन्होंने बिजनेस टायकून अशनीर ग्रोवर के रियलिटी शो “राइज एंड फॉल” से खुद को अलग कर लिया। बाहर निकलते समय उन्होंने कहा था कि “मेरी जनता ही मेरा भगवान है और चुनाव के समय मेरा फर्ज है कि मैं उनके बीच रहूं।” इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि वे अब फिल्मों और शो से ज्यादा राजनीति को प्राथमिकता देने जा रहे हैं।
पिछले चुनाव का अनुभव
2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। हालांकि वे जीत दर्ज नहीं कर सके, लेकिन चुनाव के नतीजों ने साबित किया कि उनकी पकड़ जनता के बीच मजबूत हो रही है। उनका असर सिर्फ काराकाट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बक्सर और सासाराम में भी देखा गया, जहां बीजेपी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा।
राजनीतिक नेताओं से बढ़ते संपर्क
हाल ही में पवन सिंह ने आरा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरके सिंह से मुलाकात की। आरके सिंह ने खुलकर कहा कि पवन सिंह को बीजेपी में आना चाहिए। इस तरह की बैठकों से उनके राजनीति में सक्रिय होने की संभावनाएं और मजबूत होती जा रही हैं।
तेजस्वी यादव की तारीफ
पवन सिंह ने एक इंटरव्यू में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की भी खुलकर प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि तेजस्वी जब बोलते हैं तो उनकी बातें दिल को छू जाती हैं और वे एक जमीनी नेता हैं। जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी को पढ़ाई के मामले में कमजोर कहा जाता है तो पवन सिंह ने मजाकिया लहजे में कहा कि वे खुद भी सिर्फ छठी पास हैं, लेकिन पढ़ाई ही सब कुछ नहीं होती, बल्कि काम करने की नीयत ज्यादा जरूरी है।
परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि
पवन सिंह की दूसरी पत्नी ज्योति सिंह भी राजनीति में उतर चुकी हैं। हाल ही में उनकी मुलाकात वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी से हुई थी। ज्योति सिंह पहले ही कई बार घोषणा कर चुकी हैं कि वे 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। इस तरह पवन सिंह और उनकी पत्नी दोनों का राजनीतिक सफर साथ-साथ चल रहा है, जो आने वाले चुनावों में चर्चा का बड़ा विषय बनेगा। पवन सिंह का राजनीति में आना बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हो सकता है। उनकी लोकप्रियता, भोजपुरी भाषी इलाकों में गहरी पकड़ और जनता से जुड़ाव उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार बना सकता है। अगर वे उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से जुड़ते हैं और आरा से चुनाव लड़ते हैं, तो निश्चित रूप से एनडीए को बड़ा फायदा हो सकता है। मनोरंजन की दुनिया से राजनीति के अखाड़े में उनकी यह एंट्री आने वाले विधानसभा चुनाव को और दिलचस्प बना देगी।


