दिल्ली से ज्यादा जहरीली हुई पटना की हवा, सांस लेना मुश्किल एक्यूआई 320 के पार

पटना। बिहार की राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर गया है। एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 320 के पार पहुंचने के साथ ही पटना की हवा दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली हो गई है। वायु में मौजूद धूलकण और अन्य हानिकारक तत्वों के बढ़ने से सांस लेने में दिक्कत और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही हैं। पटना के विभिन्न क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के आंकड़े चिंताजनक हैं। राजा बाजार में एक्यूआई 320, डाक बंगला चौराहे पर 318 और इको पार्क क्षेत्र में 309 तक पहुंच गया है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि पटना की हवा स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक हो गई है। दिल्ली, जो आमतौर पर वायु प्रदूषण के लिए बदनाम है, इस समय पटना से बेहतर स्थिति में है। दिल्ली का एक्यूआई वर्तमान में 219 पर है, जो पटना से काफी कम है। यह दर्शाता है कि पटना में वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। पटना की हवा में पीएम 10 कण की मात्रा मानक से तीन गुना अधिक है, जबकि पीएम 2.5 कण मानक से चार गुना अधिक हो चुके हैं। पीएम 10 और पीएम 2.5 वे छोटे कण हैं जो फेफड़ों और हृदय पर गहरा प्रभाव डालते हैं। पटना में चल रहे बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य से धूलकणों की मात्रा बढ़ रही है। बढ़ती गाड़ियों की संख्या और उनके द्वारा छोड़े जाने वाले धुएं का प्रभाव हवा की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। पटना और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कचरे को जलाने की प्रथा वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। शहर के बाहरी हिस्सों में स्थित उद्योगों से निकलने वाला धुआं भी स्थिति को और खराब कर रहा है। पटना नगर निगम द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सड़क पर सुबह और शाम पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु प्रदूषण की स्थिति पर निगरानी रख रहा है। हालांकि, इन प्रयासों का प्रभाव अभी तक संतोषजनक नहीं दिख रहा है। वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों पर पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए नागरिकों को भी अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए  बाहर निकलते समय एन95 मास्क का उपयोग करें। प्रदूषण का स्तर सुबह के समय ज्यादा होता है, इसलिए मॉर्निंग वॉक को सीमित करें। अत्यधिक प्रदूषण के दिनों में घर के अंदर रहना बेहतर है। घर के अंदर वायु को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। घर और आसपास के क्षेत्रों में अधिक से अधिक पौधे लगाएं। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर प्रयास करना होगा। कुछ ठोस उपाय हो सकते हैं: पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाना और सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करना। निर्माण स्थलों पर धूल रोकने के लिए सख्त नियम लागू करना। कचरे को जलाने की प्रथा को रोकने के लिए जागरूकता और वैकल्पिक व्यवस्था। शहर में अधिक से अधिक हरित क्षेत्र बनाना। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त कार्रवाई। पटना में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर है। यह न केवल शहर के पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल रहा है। प्रशासन और नागरिकों के संयुक्त प्रयासों से ही इस संकट से निपटा जा सकता है। अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो पटना में वायु प्रदूषण की समस्या आने वाले समय में और अधिक विकराल हो सकती है।

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