पटना की मेयर का बेटा शहर से हुआ फरार, आर्म्स लाइसेंस रद्द कराएगी पुलिस, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के आदेश पर तलाशी के लिए छापेमारी जारी

पटना। पटना में एक राजनीतिक परिवार से जुड़े व्यक्ति पर कानूनी शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। यह मामला पटना की मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर से जुड़ा है, जो अब बिहार छोड़कर फरार हो गया है। पुलिस की लगातार कार्रवाई और छापेमारी के चलते यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
मेयर के घर पुलिस की दबिश
पटना पुलिस ने हाल ही में मेयर सीता साहू के सरकारी आवास पर उनके बेटे शिशिर की तलाश में दबिश दी थी। पुलिस की यह कार्रवाई अचानक हुई और जैसे ही पुलिस टीम घर के बाहर पहुंची, वहां मेयर के समर्थकों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि पुलिस और समर्थकों के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
समर्थकों का विरोध और स्थिति का तनावपूर्ण होना
पुलिस की कार्रवाई का जैसे ही पता समर्थकों को चला, बड़ी संख्या में लोग मेयर के आवास के बाहर जमा हो गए। ये समर्थक पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे और पुलिस को घेरने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए कार्यवाही जारी रखी, लेकिन शिशिर वहां नहीं मिला।
फरारी की पुष्टि और छापेमारी जारी
पुलिस को यह अंदेशा है कि शिशिर अब बिहार छोड़ चुका है और फिलहाल फरार है। पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने पुष्टि की है कि शिशिर की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। उनके अनुसार, यह एक गंभीर मामला है और पुलिस इसे हल्के में नहीं ले रही है।
आर्म्स लाइसेंस की जांच और रद्द करने की प्रक्रिया
इस मामले में एक और अहम पहलू यह है कि शिशिर और उसके निजी बॉडीगार्ड के पास जो हथियार थे, उनकी वैधता की भी जांच की जा रही है। एसएसपी ने बताया है कि दोनों के आर्म्स लाइसेंस की समीक्षा के बाद उन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि पुलिस न केवल शिशिर को तलाश रही है, बल्कि उससे जुड़े कानूनी दस्तावेजों और गतिविधियों पर भी नजर रख रही है।
पुलिस की कड़ी कार्रवाई का संकेत
एसएसपी के बयानों से यह स्पष्ट हो जाता है कि पटना पुलिस इस बार कोई ढील देने के मूड में नहीं है। पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है और अगर शिशिर दोषी पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई तय है।
सत्ता से जुड़े लोगों पर बढ़ती निगरानी
यह मामला बिहार में सत्ता से जुड़े लोगों के ऊपर पुलिस की बढ़ती सख्ती का संकेत भी देता है। पहले ऐसे मामलों में अक्सर कार्रवाई धीमी रहती थी या राजनीतिक दबाव के कारण रुक जाती थी, लेकिन अब परिस्थिति बदलती दिख रही है। पटना की मेयर के बेटे पर हो रही पुलिसिया कार्रवाई यह दिखाती है कि कानून की नजर में सभी समान हैं। शिशिर की फरारी, आर्म्स लाइसेंस की रद्दीकरण प्रक्रिया और लगातार हो रही छापेमारी यह साबित करती है कि पुलिस इस बार कोई समझौता नहीं करना चाहती। ऐसे मामलों में निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई से न केवल कानून का सम्मान बढ़ता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी जाता है कि अपराधी चाहे किसी भी रसूखदार परिवार से क्यों न हो, कानून से नहीं बच सकता।
