अमन-चैन एवं शांति का पैगाम के साथ निकाली गई जुलूस-ए-मोहम्मदी

पटना।(शोएब कुरैशी)खगौल नगर में आज बड़ी खगौल फाटक, नीमतल्लाह रोड, छोटी खगौल, जमालुद्दीन चक, बड़ी बदलपुरा, घिरनी, सरारी गांव और मुहल्लों से हज़ारो लोग  पैगम्बर हज़रत मोहम्मद साहेब के चाहने वाले दीवानों ने अकीदत और मोहब्बत के साथ दुनिया को शांति का पैग़ाम देने वाले पैगम्बर हज़रात मोहम्मद साहेब के ईद-मिलाद-उन-नबी (जन्म दिवस) के अवसर पर मोहम्मद वसीम अशरफी की रहनुमाई में काफिला जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाल कर खगौल में आपसी भाईचारगी और शांति का सन्देश दिया।
पैगम्बर हज़रात मोहम्मद साहेब ने अरब की उस पवित्र सरज़मीं पर उस वक़्त तशरीफ़ लाये जिस वक़्त वहां औरतों पर ज़ुल्म किया जाता था और उनके जीने के हक़ को बेदखल कर दिया गया था। जिस तरह से आज कन्या भूर्ण हत्यायें हो रही है उसी तरह से अरब मुल्क में भी बच्ची पैदा होते ही उसे ज़िंदा दफ़न कर दिया जाता था। जिसके करण वहां इंसानियत और औरतों के अधिकार नाम की कोई चीज नहीं थी। इसलिए उन्होंने ने सबसे पहले औरतो को जीने का हक़ दिलाया और बच्चियों को मौत से निजात दिलाकर उनको भी जीने का हक़ दिलाया। उस वक़्त अरब मुल्क में आपसी भाईचारगी नाम की कोई चीज़ नहीं थी। इसलिए उन्होंने ने आपस में भाईचारगी और इंसानियत के रास्ते पर चलने का भाईचारगी और शांति का पैग़ाम दिया।
जब सभी जगह का जुलूस मोती चौक पर आकर मिला तो चारों तरफ से आवाज़ आ रही थी “सरकार की आमद मरहबा या रसूलल्लाह आप के नाम से ज़िंदा हैं और आप का नाम लेकर मेरी रूह मेरी जिस्म से निकले”। इसमें कई नातख्वाह भी शामिल हुए और जुलूस में शामिल लोगों के लिए जगह- जगह पर हर तरह की मिठाईयाँ, नाश्ता, चाय-कॉफी, बिरयानी, पानी और शरबत का इंतज़ाम किया गया था। जुलूस में शामिल लोग एक दूसरे से गले मिल कर मुबारकबाद दे रहें थे।
इस अमन व शांति जुलूस में मोहम्मद वसीम अशरफी, हाफिज व कारी अल्हाज मोहम्मद मिफताउर रब अशरफी, मौलाना अमानुल्लाह क़ादरी, पूर्व वार्ड आयुक्त सुनील कुमार यादव, प्रदीप कुमार, हाफिज अजमत, मोहम्मद लड्डन अशरफी, मोहम्मद नवाब अशरफी, मोहम्मद इरफ़ान ताज़ी, मोहम्मद जावेद अख्तर अमादी,  मोहम्मद नक़ीब आलम,  आलम कुरैशी, असलम कुरैशी, नौशाद कुरैशी, मोहम्मद तौहीद अख्तर, हाफिज शमशेर सिद्दीक़ी, महफूज़ आलम, याहिया हुसैन, मोहम्मद सुल्तान, मौलाना शाहनवाज़ रिज़वी, हाफिज शमशाद, अल्हाज सोहैल अख्तर, मोहम्मद मेराज-उल-हक़, मोहम्मद सोनू, मोहम्मद गुड्डू, मुश्ताक़ कुरैशी, मोहम्मद गयासुद्दीन, इरफ़ान सिद्दीकी, परवेज़ आलम के अलावा ताज एकता समिति घिरनी से मोहम्मद रिंकू, आफताब आलम, मोहम्मद गुड्डू, मोहम्मद शादाब के अलावा हज़ारों लोग के अलावा  बिहार दैनिक यात्री संघ के सचिव व जामे मस्जिद, छोटी खगौल के सचिव शोएब कुरैशी इसमें शामिल थे। अंत में सभी जुलूस में शामिल लोगों ने दुनिया और अपने देश में अमन-शांति और भाईचारगी कायम रखने के लिए सामूहिक दुआ की गयी।

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