अगले वर्ष से कौमुदी महोत्सव शरद पूर्णिमा वाले दिन : नीतीश

पटना घाट की जमीन पर 4 लेन, बचे 5 एकड़ जमीन पर बेहतर संदेश वाला निर्माण

पटना सिटी (आनंद केसरी)। अगले वर्ष से कौमुदी महोत्सव शरद पूर्णिमा वाले दिन ही आयोजित होगा। इसका कारण उस रात चांद का पृथ्वी के अधिक नजदीक आने के साथ आयुर्वेद और धर्म दोनों के ख्याल से फायदेमंद होना है। पटना सिटी पुराना पाटलिपुत्र है और विश्व के बड़े हिस्से पर यहां से शासन किया गया है। सम्राट अशोक पहले चंड थे और बाद में शांति के पुजारी बन भगवान बुद्ध की शरण में जा धम्म बन गए। पटना घाट की जमीन रेलवे के द्वारा लेने के बाद वहां फोरलेन रोड बनाया जाएगा। इसके बाद करीब 5 एकड़ जमीन बचेगी। उस पर कुछ ऐसा बनाने का प्रयास किया जाएगा, जो पाटलिपुत्र की इतिहास को ताजा करे। हमारी तो सोच थी कि सरकार का यहां कोई ऐसा ऑफिस बने, जहां आकर वे खुद काम कर सकें, मगर जगह कम है। यहां की घनी आबादी है। जगह मिलना मुश्किल है। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कौमुदी महोत्सव का राजकीय हाई स्कूल पटना सिटी के मैदान पर कौमुदी महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद अपने उदबोधन में कहीं। इसके पूर्व उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व आयुर्वेद और धर्म में भी है। इसके बारे में काफी कुछ कहा गया है। उन्हें खुशी है कि वह राधा कृष्ण की तस्वीर पर माल्यार्पण किए। रासलीला का भी मतलब है। पाटलिपुत्र परिषद द्वारा इसका आयोजन किया जाता रहा है। अब यह राजकीय समारोह हो गया है। वह कला संस्कृति एवं युवा विभाग से कहेंगे कि वह पाटलिपुत्र परिषद को साथ लेकर और जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजन करे, इससे सफलता मिलेगी। परिषद की स्थापना का श्रेय तत्कालीन अध्यक्ष सैयद मोहम्मद मेहंदी को जाता है। परिषद द्वारा श्रेष्ठ कार्य करने वाले को भी सम्मानित किया जाता है। यहां कितनी बड़ी आबादी है। यहां 350वां प्रकाश पर्व श्री गुरु गोविंद सिंह जी का मनाया गया। देश-विदेश से लोग यहां आए। आप सबों ने उनका अभिनंदन स्वागत किया। वे लोग आज भी याद करते हैं। दीदारगंज में प्रकाश पुंज निर्माण का काम शुरू हो गया है। पाटलिपुत्र पुराना पटना सिटी का ऐतिहासिक स्थल है। समाज में प्रेम, सद्भाव, भाईचारा, इज्जत प्रतिष्ठा एक-दूसरे को करना यहां के लोग जानते हैं। यह वही इलाका है, जहां हर साल ऐसा कार्यक्रम होता था कि एक करोड़ लोग यहां भाग लेते थे। इस महान भूमि को नमन करते हैं।

पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि पहले पटना सिटी उपेक्षा का शिकार था। 2005 में एनडीए में आए तो इसके बाद लगातार यहां का विकास होता गया। सिखों का पटना साहिब महोत्सव 2008 में शुरू हुआ। इसके बाद कौमुदी महोत्सव शुरू हुआ है। अनेक विकास का काम यहां हो रहा है। खाजेकलां घाट का निर्माण बीस करोड़ से हो रहा है। मालसलामी में फोरलेन रोड बनने जा रहा है, जो पटना घाट से सीधे पटना साहिब स्टेशन पहुंचकर फ्लाईओवर के रास्ते आप आगे को बढ़ सकेंगे। पहले मनोज कमलिया स्टेडियम बना। इसके बाद गुलजारबाग में इंडोर स्टेडियम बना। पूर्वी हिस्सा में इंडोर स्टेडियम नहीं था, तो पाटलिपुत्र परिषद के कार्यालय की जमीन पर उसका निर्माण चल रहा है। प्रथम मंजिल की ढलाई पूरा हो गया है। जल्ला हनुमान मंदिर जाने के लिए सकरा मार्ग था। अब वह दो लेन का 7 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण अंतिम चरण में है। रामनवमी के पूर्व वह भी पूरा हो जाएगा। कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने कहा कि भगवान कृष्ण रासलीला किए थे। बिहार के हर क्षेत्र में सामाजिक बुराई डोर करने का काम सीएम नीतीश जी ने किया है। महिला, युवा, वृद्ध में जागरूकता आ रही है। यहां से कौमुदी महोत्सव का उद्घाटन का संदेश बिहार और देश को जाएगा। बिहार का जो विकास है उसे कोई नहीं रोक सकता है। वर्तमान मुख्यमंत्री ने अनेक ऐसे सामाजिक सुधार के कार्यक्रम चलाए हैं, जिससे लोगों का विकास बढ़ता जा रहा है। समारोह में डॉ टीपी गोलवारा और संजीव यादव ने भी अपनी भूमिका का निर्वहन किया। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले 7 लोगों को सम्मानित किया गया। इसमें संगीत के क्षेत्र से उस्ताद रोशन अली, कवि साहित्यकार प्रेमकिरण, पत्रकारिता से रामनरेश चौरसिया, चिकित्सा क्षेत्र से डॉ पवन कुमार अग्रवाल, मूर्तिकार प्रमोद कुमार यादव, चित्रकार संजय रॉय, समाज सेवा से कृष्ण कुमार अग्रवाल को अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह देकर मुख्यमंत्री, पथ निर्माण मंत्री और कला संस्कृति मंत्री ने सम्मानित किया धन्यवाद ज्ञापन डीएम कुमार रवि ने किया। इस दौरान मेयर सीता साहू भी मंच पर मौजूद थीं। कार्यक्रम में पाटलिपुत्र परिषद के महासचिव संजीव यादव, कला संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव रवि परमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष वर्मा, डीएम, एसएसपी मनु महाराज, चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष ओपी साह, डॉ एसए कृष्णा, देवकिशन राठी, उमेश मेहता, एक्स डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता, मोहन चतुर्वेदी, छोटू सिंह, गोविंद कनोडिया, राजेश साह, नवल किशोर सिन्हा, सन्नी यादव, अमित कनोडिया आदि मौजूद थे कार्यक्रम में नवरंग कार्यशाला के नालंदा संगीत महाविद्यालय के अमर कुमार पांडेय ने कृष्ण स्तुति सुर द्रौपदी चीरहरण को शास्त्रीय कत्थक शैली में पेश कर तालियां बटोरीं। विजय कुमार मिश्र और उनके साथियों ने बिहार गौरव गान पेश किया। उर्मिला मिश्र ने लोकगीत आठ की कांख के कोठारिया… आदि पेश की। रानी सिंह ने गोरे-गोरे सांवर, अंगुली में डंस ले पिया… पेश की। दीपाली सहाय ने तेरे वास्ते मेरा इश्क सूफियाना, बनवारी हो हमरा के बलमा गंवार, खत लिख दी सांवरिया के नाम बाबू… आदि पेश की। अंत में ऐश्वर्य निगम ने अपनी आवाज का जादू लोगों पर चलाया।

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