आखिर क्या वह चीज पुरूषों को शर्मिंदा कर रही है, जानें

पटना। जैसे-जैसे पुरूषों की आयु बढ़ती है, उनके शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिन पर हमेशा नियंत्रण नहीं हो पाता है। अधिकांश पुरूषों में इन परिवर्तनों में से एक है पौरूष गं्रथि (प्रोस्टेट) का बढ़ना। बड़ी आयु के पुरूषों का प्रोस्टेट छोटी आयु के पुरूषों की तुलना में बड़ा होता है। प्रोस्टेट की जो वृद्धि कैंसर के कारण नहीं होती है, उसे बेनाइन प्रोस्टैटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) कहते हैं। बड़ी आयु के पुरूषों में बीपीएच सर्वाधिक सामान्य स्थिति है, जिसमें 50 वर्ष की आयु के बाद प्रोस्टेट का आकार बढ़ता है। बीपीएच को पौरूष ग्रंथि विस्तार भी कहा जाता है। प्रोस्टेटाइटिस और बेनाइन बीपीएच पौरूष ग्रंथि के आम रोग हैं, जो विश्व के लाखों पुरूषों को प्रभावित करते हैं। कुछ पुरूषों में लक्षण स्थिर हो जाते हैं और कुछ समय बाद इनमें सुधार भी आ सकता है। डॉ. आर पी सिंह, सीनियर कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्टए ट्रेड प्रैक्टिशनर के अनुसार बढ़ा हुआ (एनलार्ज) प्रोस्टेट पुरूष की मूत्र निकासी को सीधे प्रभावित करता है, क्योंकि ब्लैडर पर दबाव होता है या ब्लैडर संवेदनशील हो जाता है। इससे मूत्र निकासी की तीव्र इच्छा होती है। चूंकि ब्लैडर की खुद को खाली करने की क्षमता नहीं होती है, इसलिये थोड़ी-थोड़ी देर में पेशाब आने जैसा लगता है।
बीपीएच की प्रधानता आयु के साथ बढ़ती है, 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के पुरूष इससे सबसे अधिक पीड़ित होते हैं। आयु बढ़ने के साथ प्रोस्टेटिक रोग पुरूषों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। अच्छी नींद सभी के लिये आवश्यक है। वयस्कों के लिये यह 7.8 घंटे की होनी चाहिये। डॉ राजेश तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर, आईजीआईएमएस मेडिकल कॉलेज के अनुसारए कई पुरूषों का प्रोस्टेट आयु के साथ बढ़ता है, क्योंकि यह गं्रथि जीवन भर वृद्धि करना बंद नहीं करती है। आयु बढ़ने के साथ पुरूषों को बीपीएच/प्रोस्टेट कैंसर की नियमित जांच करवानी चाहिये। यदि मूत्र संबंधी कोई समस्या है तो डॉक्टर से बात करें। यदि मूत्र सम्बंधी समस्याओं से आपको कोई परेशानी नहीं होती है, तो भी उनके कारण जानना आवश्यक है। इन समस्याओं का उपचार नहीं होने से मूत्रमार्ग में अवरोध हो सकता है।

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