औपनिवेशिक दासता से मुक्ति की भाषा है हिन्दी: शिवदयाल

पटना, अमृतवर्षा ब्यूरो। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की पटना स्थित मीडिया ईकाइयों पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) एवं लोक संपर्क एवं संचार ब्यूरो (आरओबी) के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह का आयोजन किया गया। कर्पूरी ठाकुर सदन स्थित पत्र सूचना कार्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पीआईबी एवं आरओबी के द्वारा 1-14 सितंबर के बीच आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता व प्रतिभागियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि एवं प्रसिद्ध साहित्यकार शिवदयाल, आरओबी के निदेशक विजय कुमार, पीआईबी के निदेशक दिनेश कुमार, सहायक निदेशक संजय कुमार, सूचना सहायक पवन कुमार, भुवन कुमार, आरओबी के प्रदर्शनी सहायक मनीष कुमार सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समारोह के मुख्य अतिथि शिवदयाल ने कहा कि हिन्दी भाषा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हिन्दी औपनिवेशिक दासता से मुक्ति की भाषा है। वस्तुत: हमारे लिए यह स्वाधीनता की भाषा है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्व में हिन्दी ही एक ऐसी भाषा है जो औपनिवेशिक मुक्ति का माध्यम बनी। उन्होंने कहा कि भाषा मां के समान होती है और भाषा की सेवा वस्तुत: माता की सेवा है। उन्होंने हिन्दी की वर्तमान चुनौती पर चर्चा करते हुए कहा कि हिन्दी तब तक बेहतर स्थिति में नहीं आ सकती, जब तक यह सत्ता प्राप्ति का माध्यम बनी रहेगी। उन्होंने हिन्दी को लेकर विगत सालों में जो नीतिगत निर्णय लिए गए उस पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यदि हिन्दी स्वतंत्रता पूर्व भारत में संपर्क की भाषा थी तो आखिर स्वतंत्र्योत्तर भारत में संपर्क भाषा के रूप में क्यों स्वीकार्य नहीं रह पाई? श्री शिवदयाल ने हिंदी दिवस को राजकीय अनुशासन से इतर नैतिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाने की भी आग्रह किया।
वहीं आरओबी के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि आज भी संपर्क भाषा के रूप में हिन्दी का विशिष्ट महत्व है। इसके प्रति हमारा सम्मान इसलिए भी बना होना चाहिए क्योंकि यह हमारी मातृभाषा है। इसका अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए। पीआईबी के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि रचनात्मक की श्रेष्ठ अभिव्यक्ति मातृभाषा और अपनी संस्कृति में ही होती है। इसलिए जरूरी है कि हम व्यक्तिगत शब्दकोष का विस्तार करते रहें ताकि किसी भी परिस्थिति में शब्दाभाव जैसी स्थिति नहीं बने। उन्होंने कार्यालय में हिन्दी भाषा के प्रयोग तथा भाषायी मानकीकरण की उपलब्धियों और चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि मानक भाषा के प्रयोग की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसे किस प्रकार सरल रूप से अभिव्यक्त किया जाय।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीआईबी के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि भाषा के रूप में हिंदी हमारी उपलब्धि है। यह एक समृद्ध भाषा है तथा इसका अनुप्रयोग हमारी राष्ट्रीय अस्मिता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को परिलक्षित करता है। उन्होंने कहा कि कार्यालय में हिन्दी के प्रयोग को विस्तार देने के लिए आवश्यक है।
हिन्दी पखवाड़ा के दौरान हिन्दी निबंध, अनुवाद एवं सामान्य हिन्दी ज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें दोनों कार्यालयों के कर्मचारियों ने भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं का प्रथम पुरस्कार आरओबी के क्षेत्रीय प्रचार सहायक नवल किशोर झा, द्वितीय पुरस्कार पीआईबी की सीजी-2 स्मृति सिंह एवं तृतीय पुरस्कार पीआईबी के सीजी-2 ज्ञान प्रकाश को प्रदान किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं का संचालन पीआईबी के सूचना सहायक भुवन कुमार एवं पवन कुमार सिन्हा द्वारा किया गया।

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