PATNA : महिलाओं का कर्ज हो माफ, महिला हिंसा-बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के विरूद्ध प्रदर्शन

पटना। पटना जंक्शन गोलंबर से विभिन्न महिला संगठनों की ओर से सैकड़ों की संख्या में महिलाएं अपनी मांगों को लेकर पोस्टर-बैनर के साथ नारा लगाते हुए डाकबंगला चौराहा तक गई, जिसका नेतृत्व एडवा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी, मीणा तिवारी, बिहार महिला समाज की राजकिरण, महिला सांस्कृतिक संगठन की अनामिका, कौशल्या देवी, रेणु देवी, शशि यादव इत्यादि कर रही थी।
महिला नेताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने जिस राहत पैकेज की घोषणा की, वह आम लोगों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए था। आज प्राइवेट जॉब करनेवाली महिलाएं हों या गरीब घरेलू कामगारिनों समेत अन्य मजदूर महिलाएं सबका रोजगार छूट गया है लेकिन सरकार ने इन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया। महिला संगठनों ने मांग की कि स्वयं सहायता समूहों, माइक्रो फायनेंस कंपनियों से कर्ज लेने वाली महिलाओं का कर्ज माफ किया जाए, उन्हें रोजगार दिया जाए और छोटे कर्जों की वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगे। महिला संगठनों ने पटना समेत पूरे बिहार में महिला हिंसा और बच्चियों के साथ बलात्कार, गैंगरेप एवं वीडियो बनाने जैसी बढ़ती घटनाओं की निंदा करते हुए सरकार से मांग की है कि इस तरह की घटना पर रोक लगाई जाए एवं अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

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