PATNA : बॉलीवुड की गतिविधियों की निगरानी के लिए बने रेगुलेटरी बॉडी, अलका प्रिया लिखेंगी सुशांत पर किताब
पटना। बिहार के दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद मौत मामले को लेकर पटना में प्रेस कांफ्रेस के दौरान मलेशिया ओरिजन की थालयानी नारायण गोमेश, यूएस बेस्ड डॉक्टर व यूएस आर्मी में सेवा दे रही पीआईएल की दूसरी पेटिशनर सिंधू सिंह, अधिवक्ता मीनू, सुशांत मामले की पहली पेटिशनर अलका प्रिया और सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल राजपूत ने सुशांत से पहले जिया खान, दिव्या भारती, श्रीदेवी, दिशा शालियान, प्रत्यूषा बनर्जी जैसे चर्चित कलाकारों की हत्या का जिक्र करते हुए पूछा कि आखिरकार मुंबई पुलिस हर बार ऐसे मामले को सुसाइड बता कर रफा दफा क्यों करना चाहती है। आखिर अब तक इनको न्याय क्यों नहीं मिल पाई।
उन लोगों ने कहा कि सुशांत सिंह मामले में भी हत्या को आत्महत्या करार देने की कोशिश की, मगर दुनिया भर में सुशांत को चाहने वाले करोड़ों फैंस ने इसे रिकॉग्नापइज किया और आज बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र ही नहीं, दुनियाभर के लोगों की बस एक ही मांग है सुशांत को न्याय मिले। इसके लिए सीबीआई जांच पर भी सबों की नजर लगातार बनी हुई है। आॅस्ट्रेलिया, इजरायल, लंदन, कनाडा, इंडोनशिया, मालदीव, कोरिया जैसे देशों से लोग हमारे संपर्क में हैं और सभी की एक ही मांग है मामले में न्याय हो। इसलिए हम सबों की पहल पर एक इंटरनेशनल ग्रुप बना, जिसने यूएन को लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की है।
इस मामले की फर्स्ट पेटिशनर अलका प्रिया सुशांत को लेकर एक किताब भी लिख रही हैं। वहीं, सुशांत के बचपन के दोस्त विशाल सिंह राजपूत बिहार में लगातार उनके लिए कैंपेन चला रहे हैं। उनका कहना है कि हम किसी भी कीमत पर दोषियों को बचने नहीं देगें। जब तक सुशांत के हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं होते, तब तक बिहार में बॉलीवुड की कोई फिल्में रिलीज नहीं होने देंगे।
अधिवक्ता मीनू ने बताया कि सुशांत को न्याय दिलाने के लिए सबसे पहले पीआईएल हमने दर्ज कराया। मकसद था इस मामले में सीबीआई जांच और भविष्य में किसी प्रतिभाशाली कलाकारों का शोषण और अत्याचार न हो, इसके लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी बने। बॉलीवुड में शोषण को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। बॉलीवुड में मफिया और अंडरवर्ल्डं के पैसों की बात खुलकर सामने आती है, मगर उस पर कुछ होता क्यों नहीं है।