September 7, 2025

चिराग पासवान को मिली बम से उड़ाने की धमकी, अरुण भारती बोले- राजद के लोग धमकी दे रहे, तुरंत बढ़ें सुरक्षा

पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान को बम से उड़ाने और हत्या की धमकी मिलने के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। यह धमकी एक इंस्टाग्राम अकाउंट ‘tiger\_meraj\_idrisi’ से सार्वजनिक रूप से दी गई, जिसके बाद पार्टी और समर्थकों में आक्रोश फैल गया।
सोशल मीडिया पर मिली धमकी
गुरुवार की देर रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से चिराग पासवान को धमकी दी गई, जिसमें उनकी जान लेने और बम से उड़ाने की बात कही गई थी। यह धमकी एक सम्मानित यूट्यूबर पत्रकार के पोस्ट पर कमेंट के रूप में दी गई थी, जिसे देखकर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता ने तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर संख्या 1592/25 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अरुण भारती का आरोप और मांगें
लोजपा (रामविलास) से सांसद अरुण भारती ने इस घटना के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए राज्य सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह धमकी कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि इसके पीछे संगठित आपराधिक मानसिकता काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि राजद के आपराधिक तत्व, जो बिहार में “जंगलराज 2.0” लाने की कोशिश में हैं, अब बौखलाहट में चिराग पासवान को निशाना बना रहे हैं।
अरुण भारती ने सरकार के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखीं हैं
1. चिराग पासवान की सुरक्षा तत्काल बढ़ाई जाए
2. उन्हें बुलेटप्रूफ वाहन उपलब्ध कराया जाए
3. धमकी देने वाले व्यक्ति पर त्वरित और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। चिराग पासवान बिहार की राजनीति में एक उभरते हुए नेता हैं और हाल के चुनावों में उनकी पार्टी ने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। ऐसे में उन्हें इस तरह धमकियां मिलना न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से चिंताजनक है बल्कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठाता है।
चिराग समर्थकों में आक्रोश
इस धमकी के बाद चिराग पासवान के समर्थक भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने सरकार से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। कई समर्थकों ने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए जांच की मांग की है। पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि चिराग पासवान जनता की आवाज हैं और उन्हें डराकर चुप नहीं कराया जा सकता।
प्रशासन ने शुरू की जांच
साइबर थाना की ओर से मामले की जांच शुरू कर दी गई है। संबंधित इंस्टाग्राम अकाउंट को ट्रैक किया जा रहा है और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की पहचान की जा रही है। हालांकि अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
राजनीति में बढ़ता डिजिटल खतरा
यह घटना डिजिटल माध्यमों के दुरुपयोग और नेताओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर चर्चा का विषय बन गई है। आज जब सोशल मीडिया आम जन तक पहुंच का सबसे सशक्त माध्यम बन चुका है, वहीं इसका इस्तेमाल इस तरह की आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाना चिंता का विषय है। चिराग पासवान को धमकी मिलना सिर्फ एक नेता को धमकाने का मामला नहीं, बल्कि यह बिहार की लोकतांत्रिक व्यवस्था और सुरक्षा ढांचे पर एक सीधा हमला है। यह जरूरी है कि प्रशासन सख्त कदम उठाए, दोषियों को जल्द गिरफ्तार करे और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी को भी और मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

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