September 16, 2025

कैमूर में यात्रियों की बस और ट्रक में टक्कर, युवक की मौत, 10 की हालत गंभीर

कैमूर। बिहार के कैमूर जिले से एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। यह दुर्घटना सोमवार देर रात दुर्गावती थाना क्षेत्र के महुअरिया ओवरब्रिज के पास हुई, जहां एक यात्री बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि बस में सवार एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बस में कुल 38 यात्री सवार थे, जो मध्यप्रदेश से पितृपक्ष के अवसर पर गया जा रहे थे।
पितृपक्ष के लिए यात्रा पर निकले श्रद्धालु
हादसे का शिकार हुई बस में सवार यात्री मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बनारस होते हुए गया की ओर जा रहे थे। उनका उद्देश्य गया में पितृपक्ष श्राद्ध और अनुष्ठान करना था। इस बस में 14 महिलाएं और 24 पुरुष शामिल थे। यह यात्रा उनके लिए आस्था से जुड़ी थी, लेकिन रास्ते में हुए इस दर्दनाक हादसे ने कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया।
मृतक और घायलों की पहचान
इस हादसे में 50 वर्षीय महेश कुमार, निवासी महेशुआ, जिला खरगोन (मध्यप्रदेश) की मौके पर ही मौत हो गई। घटना में घायल अन्य यात्रियों को तत्काल आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है। चिकित्सक लगातार घायलों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और गंभीर रूप से घायलों का विशेष उपचार किया जा रहा है।
दुर्घटना के बाद राहत और बचाव कार्य
जैसे ही हादसे की सूचना मिली, दुर्गावती थाना पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। एनएचएआई की टीम ने क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त बस को सड़क से हटाकर यातायात बहाल किया। घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी लगातार बनी रही ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
हादसे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
सब-इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने जानकारी दी कि यह हादसा देर रात उस समय हुआ जब बस काशी से गया की ओर जा रही थी। यह सीधी टक्कर थी, जिसके कारण बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। फिलहाल हादसे की वजह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। यह जांच का विषय है कि दुर्घटना तेज रफ्तार, चालक की लापरवाही, नींद आने या फिर सड़क की तकनीकी खराबी के कारण हुई। पुलिस ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
श्रद्धालुओं में मातम का माहौल
इस दुर्घटना ने श्रद्धालुओं और उनके परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। जिन यात्रियों ने आस्था और धार्मिक अनुष्ठान की भावना से यात्रा शुरू की थी, वे अब अस्पताल के बिस्तरों पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। महेश कुमार की मौत ने उनके परिवार को असहनीय पीड़ा दी है। वहीं, अन्य घायलों के परिजन भी अस्पतालों में अपने प्रियजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
सड़क हादसों पर उठते सवाल
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में निर्दोष लोग अपनी जान गंवाते हैं। सवाल यह है कि क्या इन घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? तेज रफ्तार और ट्रक-बस जैसी भारी गाड़ियों की टक्कर अक्सर बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। ऐसे में जरूरत है कि चालक सतर्कता से वाहन चलाएं और प्रशासन सड़क पर सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत करे। कैमूर जिले का यह हादसा केवल एक परिवार या एक गांव का नहीं, बल्कि उन सभी श्रद्धालुओं के लिए गहरा सदमा है, जो आस्था की यात्रा पर निकले थे। इस त्रासदी ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि सड़क सुरक्षा केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी से जुड़ा अहम मुद्दा है। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो और आम जनता की जान की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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