September 17, 2025

राजद का जदयू पर तीखा प्रहार: नीतीश की पार्टी को बताया ‘जहां दारू अनलिमिटेड’, सियासत गरमाई

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जदयू), पर सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ा हमला बोला है। इस बार राजद ने सिर्फ राजनीतिक आरोप ही नहीं लगाए, बल्कि जदयू का नया नामकरण करते हुए उन्हें बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब से हो रही मौतों का जिम्मेदार ठहराया है।
जदयू का नया नामकरण: ‘जहां दारू अनलिमिटेड
राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्विट करते हुए जदयू का नया फुल फॉर्म ‘जहां दारू अनलिमिटेड’ बताया है। यह आरोप उस समय आया जब हाल ही में बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों की खबरें सामने आई हैं। राजद ने इस ट्विट के जरिए जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब की उपलब्धता बढ़ रही है और इसका मुख्य कारण सरकार की निष्क्रियता और अवैध शराब कारोबार में उनकी संलिप्तता है। राजद का यह आरोप सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराता है।
जहरीली शराब का मुद्दा और विपक्ष का हमला
हाल ही में बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं। इस त्रासदी ने राज्य में हाहाकार मचा दिया और विपक्ष ने इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया। आंकड़ों के मुताबिक, जहरीली शराब के कारण करीब 39 लोगों की मौत हुई, जबकि कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद से विपक्ष, खासकर राजद, लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा है। राजद के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कई बार सोशल मीडिया के जरिए नीतीश सरकार को घेरा और इस त्रासदी का जिम्मेदार ठहराया।
शराबबंदी की हकीकत: नीतीश सरकार के दावों पर सवाल
नीतीश कुमार ने 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी, जो उनकी सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में देखी जाती थी। लेकिन समय के साथ, इस नीति की विफलताएं सामने आने लगीं। राज्य में अवैध शराब का कारोबार बढ़ता चला गया, और इस दौरान कई घटनाएं सामने आईं, जहां जहरीली शराब से लोगों की मौत हो गई। राजद और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार बनाते हुए नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है, जबकि असल में राज्य में अवैध शराब का धंधा खुलेआम चल रहा है। राजद का दावा है कि इस धंधे में जदयू के नेता और अधिकारी भी शामिल हैं, जिसके कारण राज्य में शराबबंदी का पालन नहीं हो पा रहा है।
सोशल मीडिया पर छिड़ा घमासान
सोशल मीडिया, विशेष रूप से ट्विटर, आज की राजनीति में एक प्रमुख मंच बन गया है, जहां दल एक-दूसरे पर तीखे हमले करते हैं। राजद ने इसी मंच का इस्तेमाल करते हुए जदयू पर करारा हमला किया है। उन्होंने एक सवाल उठाते हुए पूछा कि “बिहार में शराबबंदी के बावजूद हर घर में शराब कैसे उपलब्ध है?” इसका जवाब उन्होंने खुद ही देते हुए लिखा कि इसके लिए नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू जिम्मेदार है। राजद के इस ट्वीट के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जदयू की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी खींचतान और बढ़ेगी। बिहार में शराबबंदी का मुद्दा हमेशा से ही राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र रहा है। नीतीश कुमार ने इसे एक सामाजिक सुधार के रूप में पेश किया था, लेकिन राजद और अन्य विपक्षी दल इसे एक बड़ी नाकामी के रूप में देखते हैं। जहरीली शराब से होने वाली मौतें और अवैध शराब का व्यापार नीतीश सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। राजद का यह हमला ना केवल जदयू पर आरोपों की झड़ी लगाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बिहार में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है। आगामी चुनावों में यह मुद्दा एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है, जहां राजद और अन्य विपक्षी दल इस असफलता को नीतीश कुमार की सबसे बड़ी कमजोरी के रूप में पेश करेंगे। सोशल मीडिया के इस दौर में, ऐसे हमलों का प्रभाव व्यापक होता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में जदयू और नीतीश कुमार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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