पप्पू यादव ने सरकार को घेरा, कहा- जातिगत के साथ बेरोजगारी, पलायन और शैक्षणिक जनगणना भी हो

पटना। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने गुरूवार को संवाददाता सम्मेलन में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए हुए सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों को नहीं बुलाया गया। इसमें उन्हीं को बुलाया गया, जो कुछ खास जातियों की जनगणना के समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना कीजिए, सब साथ है। लेकिन बेरोजगारी, पलायन और शैक्षणिक जनगणना भी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना में सिर्फ जातियों और उपजातियों की गणना की बात की जा रही है जबकि मेरी मांग है कि इस जनगणना में आर्थिक, शैक्षणिक, बेरोजगारी और राजनीतिक भागिदारी को भी शामिल किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि जाति आधारित जनगणना कोई नयी बात नहीं है। कई राज्यों ने दो-दो, तीन-तीन बार जातिगत जनगणना करवाया है। लेकिन देश में और बिहार में 286 जातियों में ज्यादा से ज्यादा 20 जातियों को ही लाभ मिला है, बाकी का क्या हुआ? क्या ये जनगणना केवल उन्हीं 20 जातियों के लिए होगा या अन्य जातियों के लिए भी होगा? बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि जो 40 साल शासन में रहे वे लोग जातिगत जणगणना, विशेष राज्य और विशेष पैकेज के सवाल पर सड़क पर क्यों नहीं आए।

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