बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, आयोग ने शुरू की तैयारी

पटना । बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अंतिम चरणों में पंचायत चुनाव होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में 10 चरणों में पंचायत चुनाव कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। आयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थित पंचायतों में नौवें व 10वें चरण में आम चुनाव कराने पर चर्चा कर रहा है।

आयोग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगस्त से शुरू होने वाली पंचायत चुनाव के दौरान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पंचायतों से पूरी तरह पानी निकलने की संभावना कम है।

पंचायत के मतदाता भी बाढ़ राहत शिविरों में रहते हैं, ऐसे में उनकी चुनाव में भागीदारी कम होगी, इसलिए अक्टूबर में जब इन क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल जाएगा तब पंचायत चुनाव होगा।

सूत्रों ने बताया कि पंचायत चुनाव कराने के पहले बाढ़ प्रभावित जिलों से जलजमाव वाली पंचायतों की रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके आधार पर चुनाव की तिथि निकाली जाएगी।

इसके साथ ही, बाढ़ प्रभावित पंचायतों में स्थित मतदान केंद्रों (बूथों) का स्थल निरीक्षण होगा। जल-जमाव वाले क्षेत्रों में स्थित बूथों में जरूरत के अनुसार बदलाव भी हो सकता है।

आयोग के सूत्रों के अनुसार गैर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले पंचायत चुनाव कराया जाएगा। इसके लिए पंचायतों में मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करने, मतदाता सूची को अपडेट करने और मतदाताओं के लिए आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश जिला पदाधिकारियों सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत को दिए गए हैं।

बिहार के 34 जिले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं। इनमें अति बाढ़ प्रभावित 15 जिलों में सुपौल, मधेपुरा, शिवहर, सहरसा, खगड़िया, सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली, कटिहार, पूर्वी चंपारण, बेगूसराय और भागलपुर आते हैं। इन जिलों में जल-जमाव वाली पंचायतों में चुनाव अंतिम चरण में होगा।

जबकि सामान्य बाढ़ प्रभावित 19 जिलों में बक्सर, सारण, नालंदा, पूर्णिया, अररिया, पश्चिम चंपारण, शेखपुरा, किशनगंज, पटना, भोजपुर, सीवान, लखीसराय, गोपालगंज, मुंगेर, जहानाबाद, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद व अरवल शामिल हैं। इन जिलों के भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर आयोग की नजर रहेगी। वर्ष 2020 में राज्य के 16 जिलों के 130 प्रखंडों की 1333 पंचायतों की 8.36 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी।

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