यज्ञ को सफल होते नही देख महात्मा ने लगाई कुटिया में आग, आत्महत्या का किया प्रयास

पालीगंज। थाना क्षेत्र के रानीपुर गांव में यज्ञ कराने को अयोध्या से आये महात्मा ने यज्ञ को सफल होते नही देख देर रात गुरुवार को अपनी कुटिया में आग लगा दी व आत्महत्या का प्रयास किया। जिससे महात्मा तो बचे पर कुटिया में रखे चंदे की रकम, ध्वनिवर्धक यंत्र व अन्य सामग्री सहित कुटिया जलकर राख हो गया। जानकारी के अनुसार अयोध्या से आये महात्मा हेमंत दास ने पालीगंज के रानीपुर गांव में रामचरित मानस यज्ञ कराना चाहते थे। उन्होंने बारह दिवसीय यज्ञ की तिथि 24 अप्रैल से 4 मई निर्धारित किये थे। जिसको लेकर वे दो माह से रानीपुर गांव स्थित हनुमान मंदिर के पास कुटिया बनाकर रह रहे थे। यज्ञ की तैयारी को लेकर इलाके में चंदा मांगना भी उन्होंने शुरू कर दिए थे। वही चार दिनों पूर्व से ही अयोध्या से प्रवचनकर्ता को बुलाकर प्रवचन भी करना शुरू कर दिए। लेकिन इलाके में पड़ रही कड़ाके की ठंढ व चल रहे पछुआ पवन के कारण कोई भी ब्यक्ति प्रवचन सुनने के लिए संध्या पहर घर से नही निकला। वही ग्रामीण इलाका होने के कारण किसान तबके के लोगो की संख्या अधिक है। वे किसान खेतो से शाम को काम कर लौटते थे तो थकान के कारण भी कुछ लोग प्रवचन सुनने नही पहुंचे। यह प्रवचन तीन दिनों तक चला। जिससे नाराज होकर प्रवचनकर्ता वापस चले गए। प्रवचनकर्ता को वापस जाने व यज्ञ में ग्रामीणों को सक्रिय न देख महात्मा ने यज्ञ को सफल होंते नही देख गुरुवार की रात कुटिया में प्रवेश कर आग लगा लिए। वही आसपास में मौजूद लोगों ने महात्मा को कुटिया से बाहर निकालकर उनकी जान बचाई लेकिन पुआल की बनी होने के कारण कुटिया व उसमें रखे सारे समान जल गया। महात्मा हेमंत दास के अनुसार कुटिया में उनकी व एक चेले की दो मोबाइल, चंदे की लगभग तीन हजार रुपये व एक ध्वनिवर्धक यंत्र के अलावे कम्बल कपड़े सहित अन्य सामान जलकर राख हो गया।
वही घटना की सूचना पाकर शुक्रवार की सुबह पालीगंज पुलिस घटना पर पहुंची। जहां से मामले की तहकीकात कर पुलिस थाने वापस लौट आयी। वही महात्मा हेमंत दास ने बताया कि मैं इस स्थान पर यज्ञ कराने को लेकर संकल्पित हूँ तथा बगैर यज्ञ कराए यहां से वापस नही जाऊंगा।

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