बलूचिस्तान में पाकिस्तानी बस को विद्रोहियों ने उड़ाया, 12 सैनिकों की मौत

नई दिल्ली। भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान की सीमा के भीतर की गई एयर स्ट्राइक के बीच पड़ोसी मुल्क को एक और करारा झटका बलूचिस्तान में मिला है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने बुधवार को दो भीषण हमले कर पाकिस्तान की सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया। इन हमलों में कुल 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। पहला हमला बलूचिस्तान के बोलन घाटी स्थित शोरकंड इलाके में हुआ, जहां बीएलए के विद्रोहियों ने रिमोट से संचालित बम से एक सैन्य वाहन को उड़ा दिया। इस धमाके में वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सभी 12 सैनिकों की मौके पर ही मौत हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, ये सैनिक एक विशेष सैन्य मिशन पर जा रहे थे और इनका नेतृत्व पाकिस्तानी सेना के स्पेशल ऑपरेशंस कमांडर तारिक इमरान कर रहे थे। इस हमले में सूबेदार उमर फारूक की भी मौत हो गई। हमला इतना जबरदस्त था कि विस्फोट के बाद घटनास्थल पर गाड़ी के केवल टुकड़े बचे। इससे पाकिस्तानी सेना की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की पोल खुलती नजर आई। इसके कुछ घंटे बाद ही बीएलए ने दूसरा हमला कच्छ क्षेत्र के कुलाग तिगरान इलाके में किया। यहां पाकिस्तान के बम निरोधक दस्ते को निशाना बनाते हुए आईईडी धमाका किया गया, जिसमें दो सैनिक मारे गए। यह हमला बुधवार को दोपहर लगभग 2:45 बजे हुआ। दोनों जवान पाकिस्तान सेना से जुड़े थे और एक अभियान पर निकले थे। इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है। बीएलए के प्रवक्ता जियांद बलोच ने बयान जारी कर कहा कि “पाकिस्तान की सेना अब एक सैन्य संस्था नहीं, बल्कि चीन के व्यवसायिक प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा में लगी एक कॉर्पोरेट आर्मी बन गई है।” उन्होंने आगे कहा, “हम अपनी जमीन की रक्षा और स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान की सेना के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। बलूच विद्रोही लंबे समय से पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। वे बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जैसे प्रोजेक्ट्स का भी विरोध करते रहे हैं, जिनका आरोप है कि ये स्थानीय संसाधनों का शोषण कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण माहौल के बीच बीएलए के इन हमलों ने पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से गहरी चोट पहुंचाई है। एक ओर जहां भारत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर रहा है, वहीं अंदरूनी मोर्चे पर बलूच विद्रोहियों ने सेना की कमर तोड़ने का काम किया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पाकिस्तान ने अपने आंतरिक संघर्षों की अनदेखी जारी रखी, तो आने वाले समय में बलूचिस्तान में स्थिति और विस्फोटक हो सकती है।
