भोजपुर में करंट लगने से मजदूर की दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम

आरा। भोजपुर जिले के उदवंतनगर थाना क्षेत्र में दीपावली की तैयारियों के बीच एक दर्दनाक घटना घटी, जिसमें एक मेहनती मजदूर की असमय मृत्यु हो गई। 44 वर्षीय मो. जाकिर, जो सिरकीचक गांव के निवासी थे, जीरो माइल स्थित प्रकाश टेंट में काम करते थे और दीपावली के लिए लगाए गए पंडाल को हटाने के दौरान करंट लगने से उनकी मौत हो गई। इस घटना से उनके परिवार और आसपास के इलाके में गहरा शोक फैल गया है। शुक्रवार देर रात, मो. जाकिर पंडाल हटाने के लिए निकले थे, जो जीरो माइल स्थित मिल के पास दीपावली के अवसर पर सजाया गया था। जैसे ही वे वहां पहुंचे, उन्होंने देखा कि रास्ते में बिजली का एक तार टूट कर लटक रहा था। दुर्भाग्य से, उस तार में करंट था, जिससे उनका संपर्क हुआ और वे बुरी तरह से झुलस गए। साथी मजदूरों और टेंट संचालक ओम प्रकाश ने उन्हें तुरंत इलाज के लिए पास के निजी अस्पताल में पहुंचाया, लेकिन हालत बिगड़ने के कारण उन्हें आरा सदर अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मो. जाकिर के असमय निधन से उनके परिवार में मातम का माहौल है। उनकी मां अनवारी खातून, पत्नी सितारा खातून, दो बेटे शाहिद और साजिद, और बेटी नाजरा का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के इस सदस्य के चले जाने से उनका भावनात्मक और आर्थिक आधार छिन गया है। तीन भाई और दो बहनों में से जाकिर दूसरे नंबर पर थे और अपने परिवार का सहारा थे। उनकी कमी से परिवार के हर सदस्य को गहरा आघात पहुंचा है। मो. जाकिर का परिवार सामान्य आर्थिक स्थिति में था। वे एक मेहनती मजदूर थे, जो परिवार का पेट पालने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। प्रकाश टेंट में काम करते हुए वे परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश करते थे। उनकी इस तरह की असमय मौत से परिवार के समक्ष कई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। पत्नी सितारा खातून अब अपने तीन बच्चों की देखभाल के लिए अकेली रह गई हैं, जिनकी शिक्षा और भरण-पोषण की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर आ गई है। इस घटना ने बिजली विभाग और प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर किया है। सार्वजनिक स्थानों पर टूटे हुए बिजली के तारों को ठीक न करने का खामियाजा एक निर्दोष मजदूर और उसका परिवार भुगत रहा है। यदि समय रहते बिजली के टूटे तारों की मरम्मत कर दी जाती, तो मो. जाकिर जैसे मेहनती मजदूर की जान बचाई जा सकती थी। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए कि भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएं और बिजली के तारों की नियमित जांच की जाए। जहां दीपावली की खुशियों में हर घर रोशन होता है, वहीं इस हादसे ने मो. जाकिर के परिवार की खुशियों को गहरे अंधेरे में डुबो दिया है। त्योहार की तैयारी के समय पर इस घटना से परिवार का हर सदस्य टूट चुका है। दीपावली, जो उत्सव का प्रतीक है, इस परिवार के लिए अब हमेशा दर्द और शोक का प्रतीक बन गया है। ऐसे हादसे के बाद, जरूरी है कि प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि परिवार की मदद के लिए आगे आएं। सरकार से इस गरीब परिवार को आर्थिक सहायता और जाकिर के बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। स्थानीय समाज के लोगों को भी इस परिवार का सहारा बनने के लिए कदम उठाने चाहिए। मो. जाकिर की असमय मृत्यु ने भोजपुर में बिजली सुरक्षा और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सरकारी तंत्र और सामाजिक जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करना किस तरह जीवन पर भारी पड़ सकता है। सरकार को चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करे ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह के दर्दनाक हादसे का शिकार न बने। मो. जाकिर के परिवार के लिए यह समय अत्यंत कठिन है, और सभी को उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए ताकि वे इस गहरे दुःख से उबर सकें।
