नंद लाल सिंह कॉलेज ने किया अंतर्राष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष 2023 विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन

पटना। नंद लाल सिंह कॉलेज, जैतपुर-दाउदपुर, सारण ने अंतर्राष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष 2023 पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया इस वेबिनार के माध्यम से मिल्लेट्स की खेती और उनके पोषण संबंधी विषयों पर चर्चा की गई और सभी को मिलेट्स के लाभों के बारे में जागरूक किया गया। इस राष्ट्रीय वेबिनार में भारतीय कृषि की विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और विभिन्न क्षेत्रों में मिल्लेट्स के उत्पादन, उपयोग, और पोषण से संबंधित नवीनतम अनुसंधान और तकनीकों पर विचार-विमर्श किया गया। यहां हुईं चचार्ओं में कृषि परिदृश्य को बेहतर करने एवं स्वस्थ भारत में योगदान देने में मिल्लेट्स की अपार क्षमता पर विचार-विमर्श किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मिल्लेट्स वर्ष 2023 पर इस राष्ट्रीय वेबिनार में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रूबी चंद्रा मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने कहा, इस वेबिनार के जरिए हमने भारतीय किसानों के लिए मिल्लेट्स के खेती के लिए संदर्भ, समर्थन, और उद्योगों के साथ सहयोग का मार्ग दिखाया है। मिल्लेट्स एक शक्तिशाली अनाज हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। उनमें भरपूर पोषक तत्व होते हैं जो हमें स्वस्थ रखने और विभिन्न बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। हमें इन्हें अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए और इनका लाभ उठाना चाहिए। ुडॉ. चंद्रा ने डॉ. खादर वली के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जिन्हें श्रीधान्य मिलेट के नाम से जाने जाने वाले ज्वार और बाजरा सहित मिल्लेट्स की खोई हुई किस्मों को खोजने में उनके काम के लिए प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार मिला था। “श्रीधान्य” शब्द प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गढ़ा गया था, जो इन मिल्लेट्स के सेवन के माध्यम से खोए हुए स्वास्थ्य की पुन: खोज को दशार्ता है। यह एक अत्यधिक जानकारीपूर्ण और प्रेरणादायक कार्यक्रम साबित हुआ। यहां हुई चचार्ओं में वक्ताओं ने कृषि परिदृश्य को बदलने और स्वस्थ भारत में योगदान देने में मिल्लेट्स की अपार क्षमता को उजागर किया। डॉ. रूबी चंद्रा के अलावा वेबिनार में कृषि एवं प्लांट ब्रीडिंग के क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियाँ जिनमें प्रो. के.पी. श्रीवास्तव, प्रींसिपल, नंद लाल सिंह कॉलेज, जैतपुर-दाउदपुर, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, प्रो. फारूक अली, माननीय कुलपति, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा,. डॉ. श्वेता मिश्रा, प्रोफेसर-सह-मुख्य-वैज्ञानिक, प्लांट ब्रीडिंग, आरपीसीएयू, पूसा, डॉ. रत्नेश कुमार झा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सीएएससीसी, आरपीसीएयू, पूसा शामिल थे। वेबिनार के सभी संबंधित विशेषज्ञों ने अपने विचार और अनुभवों को साझा किया, जिससे भारतीय कृषि को मिल्लेट्स के उत्पादन के क्षेत्र में नई दिशाएँ मिल सकेंगी। विशेषज्ञों ने मिल्लेट्स की उच्चतम गुणवत्ता और उनके संरक्षण के लिए नए उपायों को भी प्रस्तावित किया। नंद लाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य, प्रो. के.पी. श्रीवास्तव ने इस महत्वपूर्ण वेबिनार पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा हमारे कॉलेज द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय वेबिनार के माध्यम से हमने मिल्लेट्स के महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहराई से चर्चा की और इस अनमोल अनाज के लाभों को बढ़ावा देने के लिए संबंधित सेक्टरों को एक साथ आने के लिए प्रोत्साहित किया। हमारा लक्ष्य यह था कि इस वेबिनार के माध्यम से भारतीय किसानों को मिल्लेट्स के उत्पादन और उनके पोषणीय लाभों के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि वे अपने खेतों में इन्हें उगा सकें और उनके लाभों का उचित इस्तेमाल कर सकें। हम गर्व के साथ कहते हैं कि यह वेबिनार बहुत सफल रहा है और आने वाले वर्षों में इसके आयोजन को और बेहतरीन बनाने की योजना रखी जाएगी। इस सफल आयोजन के माध्यम से नंद लाल सिंह कॉलेज ने भारतीय कृषि के विभिन्न पहलुओं को उजागर करने में अग्रणी भूमिका निभाने का प्रयास किया है। आगे भी भी इस प्रकार की गतिविधियों को आयोजित करने की इस संस्थान की योजना है। वेबिनार में मिल्लेट्स के प्रकार, उनके न्यूट्रीशनल वैल्यू एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मिल्लेट्स के महत्व जैसे विभिन्न विषय शामिल थे। वेबिनार में मिल्लेट्स की खेती में इस्तेमाल होने वाले मशीनों के अलावा मिल्लेट्स के उत्पादन पर भी चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में मिल्लेट्स की खेती की लागत और कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज में मिल्लेट्स की भूमिका पर भी चर्चा की गई। रक्षा खाद्य और अनुसंधान प्रयोगशाला को रक्षा और पुलिस बलों की कैंटीन में मिल्लेट्स शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही इस उद्देश्य को और भी आगे बढ़ाने के लिए सीआईआई और फिक्की जैसे इंडष्ट्री बॉडीज की भागीदारी की भी मांग की जा रही है।
