बिहार लोकतंत्र की जननी है, बागेश्वर बाबा को यहां आने से कोई नहीं रोक सकता : विजय सिन्हा

पटना। धर्म गुरु धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा के बिहार आने को लेकर विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हें आने से कोई नहीं रोक सकता। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोई भी धार्मिक गुरु हमारे बिहार में आते हैं, तो जनता श्रद्धा से सम्मान करेगी। यह लोकतंत्र की धरती है। इस धरती पर लालू यादव और नीतीश कुमार किसी की जमींदारी नहीं है। बिहार महागठबंधन के परिवार का साम्राज्य नहीं है, जो किसी भी संत या मुनि के आगमन को रोक देंगे। धर्म गुरुओं को बेइज्जत करना, यही संस्कार महागठबंधन सरकार का रह गया है। आने वाले चुनाव में बिहार की जनता इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर प्रहार करते हुए कहा कि जंगल राज में यही खेल लालू प्रसाद यादव ने किया था। भाजपा ने उस समय भी लड़ाई लड़कर उनके जंगलराज को खत्म किया। जंगलराज को मुख्यमंत्री जनता राज्य कहते हैं। यह गुंडाराज में बदल गया है। इसे भी खत्म करेंगे। यह ज्यादा दिन तक नहीं चलेगा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आने को लेकर सियासत पहले से ही गरम है। महागठबंधन के नेता उनके दौरे को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
पटना में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम का लगातार राजद कर रही विरोध, तेज प्रताप ने दी घेराव करने की चेतावनी
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पटना में कथा करने के बारे में जब तेज प्रताप यादव से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर बागेश्वर बाबा हिंदू और मुसलमान को लड़वाने के लिए लिए आ रहे हैं तो उनका विरोध किया जाएगा। मैं उनका एयरपोर्ट पर घेराव करूंगा। वही राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले ही कह चुके हैं कि शास्त्री जैसे लोगों को सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह (शास्त्री) जेल में नहीं हैं। भाजपा बिहार में सांप्रदायिक गुंडों को खड़ा कर रही है। इस देश के लोगों की संतों पर बहुत आस्था है, लेकिन भाजपा उसे नष्ट कर रही है। बिहार के मंत्री और राजद नेता तेज प्रताप यादव ने कहा है कि अगर धीरेंद्र शास्त्री सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए यहां आ रहे हैं, तो इसका विरोध होगा। उन्होंने कहा कि धर्म को टुकड़ों में बांटने वालों को करारा जवाब मिलेगा। वही बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि ऐसे बाबाओं से हिंदू और सनातन धर्म दोनों बदनाम हो रहा है। ऐसे बाबाओं का देश हित, समाज हित और धर्म हित के लिए विरोध होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एक दूसरे धर्म से लड़ाने का काम करते हैं।

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