गोपालगंज में चेकिंग के दौरान 40 लाख के पुराने नोट बरामद, बस का ड्राइवर और खलासी गिरफ्तार

गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र स्थित बलथरी चेकपोस्ट पर वाहन जांच के दौरान उत्पाद विभाग और पुलिस की टीम ने बड़ी मात्रा में पुराने नोट बरामद किए हैं। यह घटना तब सामने आई जब पुलिस और उत्पाद विभाग की संयुक्त टीम होली के मद्देनजर विशेष जांच अभियान चला रही थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश से आने वाली एक बस को रोककर उसकी तलाशी ली गई। यात्रियों के सामान की जांच के दौरान एक बैग से 40 लाख रुपये मूल्य के पुराने नोट बरामद हुए। इन नोटों में 1000 और 500 रुपये के वे नोट शामिल थे, जिन्हें भारत सरकार ने 2016 में विमुद्रीकरण (नोटबंदी) के तहत अवैध घोषित कर दिया था।
बस चालक और खलासी हिरासत में
जब यह नोट बरामद किए गए, तो पुलिस ने बस के चालक और खलासी को हिरासत में ले लिया और उनसे पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह पुराने नोट किसके हैं, कहां से लाए गए थे और इन्हें कहां पहुंचाया जाना था। प्राथमिक जांच में यह संकेत मिला है कि ये नोट उत्तर प्रदेश से लाए जा रहे थे, लेकिन इन्हें बिहार में कहां खपाने की योजना थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
होली के कारण जांच अभियान तेज
सदर एसडीपीओ प्रांजल ने बताया कि होली के मौके पर शराब और अन्य अवैध सामग्रियों की तस्करी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश से आने वाली सभी गाड़ियों की सघन जांच की जा रही है। इसी क्रम में बलथरी चेकपोस्ट पर यह तलाशी अभियान चलाया गया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शराब तस्करी पर लगाम लगाना था, लेकिन इस दौरान इतनी बड़ी संख्या में पुराने नोट मिलने से मामला और गंभीर हो गया है।
नोटों की वैधता पर सवाल
2016 में केंद्र सरकार द्वारा विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों का चलन पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। हालांकि, आरबीआई द्वारा निर्धारित समय-सीमा के भीतर लोग अपने पुराने नोटों को बैंकों में जमा कर सकते थे। लेकिन अब, जब ये नोट पूरी तरह से अवैध हो चुके हैं, तो ऐसे नोटों का मिलना संदेह को जन्म देता है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह मामला किसी धोखाधड़ी या अवैध गतिविधि से जुड़ा हुआ है।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, बरामद किए गए नोटों को कुचायकोट थाने को सौंप दिया गया है, और पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। बस में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इन नोटों का असली मालिक कौन है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह मामला पुराने नोटों के माध्यम से किसी तरह की गैरकानूनी लेन-देन से तो नहीं जुड़ा है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब भी कुछ लोग पुराने नोटों का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वे कानूनी रूप से मान्य नहीं हैं। पुलिस की आगामी जांच से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह मामला केवल पुराने नोटों को ठिकाने लगाने का प्रयास था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी हुई है।

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