बिहार बोर्ड ने बढ़ाया पुराने सर्टिफिकेट और मार्कशीट निकालने का शुल्क, जानिए अब कितने देने होंगे पैसे

पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उच्च माध्यमिक परीक्षा के लिए विभिन्न कागजातों को संशोधित शुल्क का जारी कर दिया है। अब 15 वर्ष एवं 15 वर्षों के बाद के कागजात निकालने के लिए 2500 रुपये देने होंगे। ऐसे में 1980 के पहले वाले स्टूडेंट्स अगर अपना प्रमाण पत्र निकलाते है तो इसके प्रोसेस के लिए प्रोसेस शुल्क देना होगा। प्रोसेस शुल्क अलग-अलग निर्धारित की गयी हैं। पहले बोर्ड द्वारा प्रोसेस शुल्क नहीं ली जाती थी। बोर्ड द्वारा आयोजित पांच सितंबर 2022 की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। वहीं, 16 सितंबर को बोर्डसचिव ने इसे लागू कर दिया। इसके बाद बोर्ड के सभी नौ प्रमंडल के क्षेत्रीय कार्यालय में इसे सोमवार को नोटिस बोर्ड पर चिपका दिया गया है।
पहले एक जैसा लिया जाता था शुल्क
बिहार बोर्ड द्वारा संशोधित शुल्क में वर्तमान वर्ष से लेकर 15 वर्ष और उससे ऊपर के वर्ष का अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है। लेकिन यह पहले नहीं था। किसी भी साल का प्रमाण पत्र या अंक पत्र निकालने पर पांच सौ रूपये शुल्क के तौर पर लगते थे, लेकिन अब इसमें संशोधित कर दिया गया है। पुनरीक्षण के लिए 120 रुपये शुल्क देने होंगे। द्वितीयक प्रमाण-पत्र के लिए 175 रुपये, द्वितीयक अंक-पत्र 125 रुपये, प्रवेश पत्र के लिए (परीक्षा उत्तीर्णता अवधि से अगले दस साल तक) 100 रुपये देने होंगे।

दस्तावेज के प्रकार और शुल्क पर एक नजर :

  • परीक्षा का वर्तमान वर्ष : 200
  • उत्तीर्णता से पांच वर्ष तक: 500
  • उत्तीर्णता से दस वर्ष तक : 1000
  • उत्तीर्णता वर्ष से 15 वर्ष एवं इससे ऊपर तक : 2500
  • अवलिंब एवं तत्काल के लिए : 2500 (15 वर्ष एवं उससे ऊपर के लिए)
  • शेष के लिए उपर्युक्त कोटि के अनुसार निर्धारित शुल्क 500 रुपये जोड़ा जायेगा।

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