ओलार्क मन्दिर के तालाब में एक लाख तो निरखपुर लोआई नदी में 10 हजार व्रतियों ने दिया अर्घ्य

पालिगंज। दुल्हिन बाजार के उलार गांव स्थित प्रसिद्ध द्वापरकालीन मन्दिर परिसर में स्थित चमत्कारी तालाब में एक लाख ब्रतीयो ने मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।वही ब्रतीयो ने मन्दिर में स्थापित सूर्य की प्रतिमा की पूजा अर्चना किया।बाद में उन ब्रतीयो ने फल व गेंहू की आंटे से बनी ठेकुआ का प्रसाद ग्रहण कर 36 घण्टे का प्रसाद ग्रहण किया।

छठ पूजा के अवसर पर ब्रतीयो की भीड़ से मन्दिर परिसर जमघट में बदल गया था। कही बाजे बज रहे थे तो कही गीतों के द्वारा छठी मइया की महिमा की बखान किया जा रहा था। वही मन्नते पूरी होनेवाले ब्रती अपने आँचल पर नेटुये का नाच करवाते दिखे. वही संतान प्राप्ति की मन्नते पूरी होने पर कुछ ब्रती अपने बच्चे की सिर का बल मुंडवाए। बताया जाता है कि कुछ ब्रती मन्नते पूरी होने के बाद तो कुछ अटूट विश्वास के कारण यहां छठ ब्रत करते है।

वही पालीगंज के बहेरिया निरखपुर के पास लोआई नदी में 10 हजार ब्रतीयो ने अर्घ्य देकर नदी तट पर स्थित सूर्य मंदिर में अर्घ्य दिया। इस मंदिर की महिमा अपर है। बताया जाता है कि सैकड़ो वर्ष पूर्व से यहां बिना मन्दिर के ही  ब्रती अर्घ्य देते रहे। लेकिन लोगो की मन्नते पूरी होते देख ग्रामीणों ने 20 वर्ष पूर्व एक सूर्य की मूर्ति कमरे में स्थापित कर दिया। कुछ ही दिनों बाद देखते ही देखते यह मंदिर में तब्दील हो गया। आज यह स्थान रमणीक हो गया है जहां प्रत्येक वर्ष कार्तिक व चैती छठ पुजा के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है।

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