पटना में अब प्राइवेट एजेंसी वसूल करेगी प्रॉपर्टी, फरवरी से शुरू होगी नई व्यवस्था
पटना। नगर निगम की ओर से संपत्ति कर और कचरा शुल्क की वसूली व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। आने वाले समय में शहरवासियों के घर अब नगर निगम के कर्मचारी नहीं, बल्कि निजी एजेंसी के प्रतिनिधि टैक्स वसूली के लिए पहुंचेंगे। नगर निगम प्रशासन ने फरवरी महीने से इस नई व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य राजस्व वसूली को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और लक्ष्य आधारित बनाना है, ताकि निगम को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके।
आउटसोर्सिंग के पीछे निगम की मंशा
अब तक संपत्ति कर और कचरा शुल्क की वसूली की जिम्मेदारी नगर निगम के कर्मचारियों के पास थी। लेकिन लंबे समय से यह शिकायत सामने आती रही है कि टैक्स वसूली में लक्ष्य के अनुरूप प्रगति नहीं हो पा रही है। कई संपत्तियां कर के दायरे से बाहर हैं और टैक्स चोरी की भी आशंका रहती है। इन्हीं कारणों को देखते हुए निगम ने टैक्स वसूली की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को सौंपने का निर्णय लिया है। निगम का मानना है कि आउटसोर्सिंग से वसूली प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित होगी और जवाबदेही भी तय की जा सकेगी।
निजी एजेंसी के चयन की प्रक्रिया
नगर निगम प्रशासन के अनुसार, फरवरी से निजी एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एजेंसी का चयन निर्धारित नियमों और शर्तों के आधार पर किया जाएगा। चयनित एजेंसी को ही संपत्ति कर और कचरा शुल्क की वसूली का अधिकार होगा। निगम की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि एजेंसी की गतिविधियों पर नियमित निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता या मनमानी न हो सके।
नए सर्वे से बढ़ेगा करदाताओं का दायरा
पटना नगर निगम शहर में स्थित संपत्तियों का नए सिरे से सर्वे करा रहा है। इस सर्वे का उद्देश्य उन संपत्तियों को चिन्हित करना है, जो अब तक निगम के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं। सर्वे पूरा होने के बाद करीब 23 हजार नई संपत्तियों को कर के दायरे में लाने की तैयारी है। फिलहाल राजधानी में लगभग 1 लाख 32 हजार लोग नियमित रूप से संपत्ति कर का भुगतान कर रहे हैं। नए करदाताओं के जुड़ने से निगम को राजस्व संग्रह में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
राजस्व लक्ष्य को लेकर निगम का प्लान
कर आधार के विस्तार और नई वसूली व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पटना नगर निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए संपत्ति कर से 150 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का लक्ष्य तय किया है। नगर आयुक्त यशपाल मीणा के अनुसार, प्रॉपर्टी असेसमेंट का काम तेजी से चल रहा है और टैक्स वसूली को प्रभावी बनाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद निगम की आय में स्थिरता आएगी, जिससे शहर के विकास कार्यों को भी गति मिलेगी।
वन टाइम सेटलमेंट योजना से बड़ी राहत
नगर विकास एवं आवास विभाग ने राजधानी में वन टाइम सेटलमेंट योजना को पूरी तरह लागू कर दिया है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 और उससे पहले के बकाया संपत्ति कर की मूल राशि जमा करने पर ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ कर दिया जाएगा। यानी करदाताओं को केवल मूल टैक्स का भुगतान करना होगा। यह सुविधा 31 मार्च 2026 तक उपलब्ध रहेगी, जिससे लोगों को बकाया टैक्स चुकाने का पर्याप्त समय मिल सके।
कौन-कौन उठा सकता है योजना का लाभ
वन टाइम सेटलमेंट योजना का लाभ सभी तरह की संपत्तियों को मिलेगा। इसमें आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और संस्थागत संपत्तियां शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की संपत्तियां भी इस योजना के दायरे में आएंगी। नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन मामलों की सुनवाई कोर्ट या ट्रिब्यूनल में चल रही है, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए करदाताओं को संबंधित मामला वापस लेने का लिखित प्रमाण देना होगा।
भुगतान प्रक्रिया और सख्ती
नगर निगम ने बताया है कि वन टाइम सेटलमेंट के तहत किए गए सभी भुगतानों की जांच की जाएगी। यदि किसी करदाता ने गलत जानकारी दी या तथ्य छिपाए, तो दी गई छूट रद्द कर दी जाएगी और उस पर दोबारा कार्रवाई हो सकती है। टैक्स भुगतान के लिए निगम ने ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध कराई है। करदाता निगम के आधिकारिक पोर्टल या व्हाट्सएप चैटबोट के माध्यम से घर बैठे भुगतान कर सकते हैं।
पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
नगर निगम प्रशासन का दावा है कि निजी एजेंसी के माध्यम से टैक्स वसूली और वन टाइम सेटलमेंट योजना के संयुक्त प्रभाव से राजस्व संग्रह में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी। टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और अधिक से अधिक संपत्तियां निगम के दायरे में आएंगी। निगम को उम्मीद है कि इस नई व्यवस्था से न केवल राजस्व बढ़ेगा, बल्कि शहर में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सकेंगे।
शहरवासियों के लिए क्या बदलेगा
नई व्यवस्था लागू होने के बाद पटना के नागरिकों को टैक्स वसूली से जुड़ी प्रक्रिया में बदलाव महसूस होगा। निजी एजेंसी के प्रतिनिधि घर-घर पहुंचकर टैक्स वसूली करेंगे, वहीं वन टाइम सेटलमेंट योजना के तहत बकाया टैक्स चुकाने का सुनहरा मौका भी मिलेगा। निगम का मानना है कि यदि लोग समय पर टैक्स जमा करेंगे, तो शहर की सफाई, सड़क, जल निकासी और अन्य नागरिक सुविधाओं में भी सुधार देखने को मिलेगा।


