उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी, 21 तक नामांकन, चर्चा में कई नाम

नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन आयोग ने 9 सितंबर 2025 को चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी है। इसी के साथ नामांकन प्रक्रिया भी औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। इस बार का उपराष्ट्रपति चुनाव इसलिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने 21 जुलाई 2025 की रात इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 22 जुलाई को स्वीकार कर लिया।
चुनाव की तिथि और प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। 22 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। यदि कोई उम्मीदवार नाम वापस लेना चाहता है, तो इसकी अंतिम तिथि 25 अगस्त निर्धारित की गई है। मतदान और मतगणना दोनों की प्रक्रिया 9 सितंबर को पूरी की जाएगी। यह चुनाव भारत के संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत आयोजित हो रहा है, जहां संसद के सदस्य उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व
उपराष्ट्रपति भारत के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होता है और राज्यसभा का पदेन सभापति भी होता है। इस कारण इस पद का न केवल प्रतीकात्मक बल्कि व्यावहारिक महत्व भी बहुत अधिक होता है। इस पद पर बैठे व्यक्ति को संसद की कार्यवाही के संचालन की जिम्मेदारी भी होती है, विशेषकर राज्यसभा में।
धनखड़ का इस्तीफा और विपक्ष की प्रतिक्रिया
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से धनखड़ पर दबाव बनाया गया, जिससे उन्हें ‘या तो प्रस्ताव वापस लो या इस्तीफा दो’ की स्थिति का सामना करना पड़ा। हालांकि, आधिकारिक रूप से धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों को ही अपने इस्तीफे का कारण बताया है। यह तीसरा अवसर है जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही पद त्याग दिया हो। इससे पहले वी.वी. गिरि और कृष्णकांत भी ऐसा कर चुके हैं। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, यदि उपराष्ट्रपति का पद बीच में रिक्त होता है तो नए चुने गए व्यक्ति को पूर्ण पाँच वर्षों का कार्यकाल मिलता है, न कि शेष कार्यकाल भरने की जिम्मेदारी।
संभावित उम्मीदवारों के नाम
एनडीए खेमे में इस पद के लिए कई नाम चर्चा में हैं, हालांकि कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार रक्षाबंधन के बाद उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया तेज होगी। वर्तमान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह (जदयू) का नाम सबसे आगे चल रहा है, क्योंकि वे पहले से ही संसद के ऊपरी सदन में एक सशक्त भूमिका में हैं। इसके अलावा बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जैसे नाम भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल बताए जा रहे हैं। हालांकि विपक्ष की ओर से अभी किसी चेहरे की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया एक बार फिर देश की राजनीति को नई दिशा देने वाली है। जहां एक ओर यह संवैधानिक प्रक्रिया है, वहीं दूसरी ओर इसके पीछे राजनीतिक समीकरण भी गहराई से काम कर रहे हैं। आगामी दिनों में उम्मीदवारों की घोषणा के साथ राजनीतिक सरगर्मी और तेज़ होगी और यह देखना रोचक होगा कि इस महत्वपूर्ण पद पर किसे बैठाया जाता है।

You may have missed