अग्निशमन विभाग ने अपग्रेड किया पोर्टल, ऑनलाइन मिलेगा फायर ऑडिट और एनओसी, वेबसाइट से आवेदन

पटना। बिहार में अग्निशमन विभाग ने डिजिटल सुधार करते हुए अपने कामकाज को ऑनलाइन कर दिया है। अब भवन निर्माण, होटल, संस्थान और निजी प्रतिष्ठानों के लिए फायर एनओसी (नॉन-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) और फायर ऑडिट के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इसके लिए लोगों को अब कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। यह पहल विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर की गई है।
ऑनलाइन फायर एनओसी और ऑडिट पोर्टल
अग्निशमन विभाग द्वारा शुरू किए गए पोर्टल का नाम “ऑनलाइन फायर एनओसी और ऑडिट पोर्टल” रखा गया है। यह पहली बार है जब बिहार में इस तरह की सुविधा शुरू की गई है। इस पोर्टल के माध्यम से लोग स्टेप बाय स्टेप एनओसी और फायर ऑडिट के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन से लेकर पेमेंट, जांच, मंजूरी या अस्वीकृति और प्रमाणपत्र मिलने तक सभी चरणों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
प्रक्रिया और पारदर्शिता
अग्निशमन विभाग ने बताया कि इस पोर्टल के जरिए आवेदन करने वाले लोग पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से देख पाएंगे। डीजी शोभा ओहटकर ने कहा कि यह कदम विभाग में पारदर्शिता और कार्यकुशलता सुनिश्चित करेगा। पोर्टल पर हर प्रक्रिया का विवरण स्पष्ट रूप से उपलब्ध होगा, जिससे किसी भी प्रकार की देरी या भ्रम की स्थिति नहीं बनेगी।
पटना में कंट्रोल रूम और टीम
हेडक्वार्टर, पटना में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसमें आईटी में प्रशिक्षित 15 फायर कर्मियों की टीम तैनात की गई है। यह टीम एनओसी और फायर ऑडिट से संबंधित सभी कार्यों को संभालेगी। इसके अलावा, हर जिले में भी इसी प्रकार की टीम बनाई जाएगी। आईजी सुनील कुमार नायक और सुधीर कुमार पोरिका इस प्रक्रिया की हेडक्वार्टर स्तर से निगरानी करेंगे।
एसेट मैनेजमेंट पोर्टल
इसके साथ ही एक अलग “एसेट मैनेजमेंट पोर्टल” भी तैयार किया गया है। इस पोर्टल पर अग्निशमन विभाग द्वारा खरीदे गए उपकरणों और उनकी स्थिति की जानकारी दर्ज होगी। उपकरणों की स्थिति, उपयोग और आवश्यकताओं का पूरा विवरण इस पोर्टल पर अपडेट रहेगा, जिससे विभाग की कार्यक्षमता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। यह नई ऑनलाइन सुविधा बिहार में अग्निशमन सेवाओं को अधिक सुगम, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे आम लोगों और व्यावसायिक संस्थानों को फायर एनओसी और ऑडिट के लिए तेज और सरल प्रक्रिया का लाभ मिलेगा। यह पहल न केवल विभागीय कार्यप्रणाली को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि राज्य में आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगी।
