नीतीश कैबिनेट की दूसरी बैठक आज: तीन नए विभागों के गठन को मिलेगी मंजूरी, कई नए प्रस्ताव होंगे मंजूर
पटना। बिहार में एनडीए सरकार की वापसी के बाद शासन की कार्यशैली में तेजी और प्रशासनिक सक्रियता अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से लगातार बैठकें बुलाए जाने और नई योजनाओं पर फोकस करने से यह संकेत मिल रहा है कि सरकार अपनी प्राथमिकताओं पर तेज़ी से आगे बढ़ना चाहती है। इसी क्रम में आज दोपहर साढ़े तीन बजे मुख्य सचिवालय के कैबिनेट कक्ष में मुख्यमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट की दूसरी बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक कई मायनों में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें युवाओं से किए गए रोजगार संबंधी वादों को अमल में लाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जाने की संभावना है।
एक करोड़ नौकरियों का वादा और उसका खाका
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं से यह बड़ा वादा किया था कि अगले पाँच वर्षों में राज्य में एक करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। इस घोषणा ने युवा वर्ग के बीच उत्साह बढ़ाया था, लेकिन चुनाव के बाद अब यह सरकार पर एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में सामने है। माना जा रहा है कि आज की कैबिनेट बैठक में इसी वादे को ठोस रूप देने के लिए कुछ बड़े फैसले लिए जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि रोजगार के अवसर सिर्फ सरकारी नौकरियों के माध्यम से न बढ़ाए जाएं, बल्कि कौशल विकास, स्टार्टअप, उद्यमिता, निजी निवेश और औद्योगिक विस्तार के जरिए भी बड़ी संख्या में रोजगार सृजित किए जाएं। इसी उद्देश्य से तीन नए विभागों का गठन प्रस्तावित है, जिनके गठन पर आज मुहर लग सकती है।
तीन नए विभागों से बदलेगा प्रशासनिक ढांचा
कैबिनेट की मेज पर रोजगार केंद्रित तीन नए विभागों के गठन का प्रस्ताव रखा गया है। इन विभागों से उम्मीद है कि राज्य में रोजगार प्रबंधन, कौशल विकास और नई आर्थिक गतिविधियों के विस्तार में समन्वय बढ़ेगा। नए विभागों के गठन से न सिर्फ प्रशासनिक कार्य आसान होगा, बल्कि रोजगार सृजन के लिए एक समर्पित ढांचा तैयार होगा जो योजनाओं की निगरानी, समय-सीमा निर्धारण और ठोस परिणामों पर ध्यान केंद्रित करेगा। नीतीश कुमार की सरकार प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और सुचारू कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है। आज की बैठक में नए विभागों का गठन इस दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पहली कैबिनेट बैठक के फैसले और आज की अहमियत
एनडीए सरकार के गठन के बाद 25 नवंबर को पहली कैबिनेट बैठक हुई थी, जिसमें छह बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई थी। इनमें रोजगार विस्तार, औद्योगिक विकास, आधारभूत संरचना निर्माण और किसानों की आय बढ़ाने संबंधी फैसले शामिल थे। इन निर्णयों ने सरकार के विकास एजेंडे की दिशा स्पष्ट कर दी थी। आज की बैठक उससे भी बड़ी होने जा रही है, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री के रोजगार लक्ष्य का रोडमैप तैयार किया जाएगा। यह बैठक सरकार की डिलीवरी-ओरिएंटेड गवर्नेंस का संकेत देगी, जिसमें विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना मुख्य लक्ष्य है।
सख्त मॉनिटरिंग और मल्टी-डिपार्टमेंटल को-ऑर्डिनेशन
सरकार का दावा है कि इस बार विकास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता के लिए एक मजबूत मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। विभिन्न विभाग मिलकर एक ही लक्ष्य—रोजगार सृजन—की दिशा में काम करेंगे। रिपोर्टिंग सिस्टम को डिजिटल किया जाएगा और हर योजना के लिए स्पष्ट डेडलाइन तय की जाएगी। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्यकाल में प्रशासनिक दक्षता, युवा सशक्तिकरण और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने वाले हैं। उनके हालिया कदम भी इसी दिशा की ओर इशारा करते हैं।
युवाओं की उम्मीदें और सरकार की चुनौती
बिहार भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक है। यहां की बड़ी आबादी रोजगार और स्थिर आय की तलाश में है। ऐसे में एक करोड़ नौकरियों का वादा जितना बड़ा अवसर है, उतनी ही बड़ी चुनौती भी है। युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मजबूत रणनीति, निरंतर प्रयास और सरकार व प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल आवश्यक है। तीन नए विभागों का गठन इस चुनौती को आसान बनाने की दिशा में एक अहम पहल हो सकता है। यदि यह विभाग प्रभावी ढंग से काम करते हैं, तो आगामी कुछ वर्षों में बिहार में रोजगार के नए अवसरों का विस्तार होता दिखाई देगा। कैबिनेट बैठक बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। एनडीए सरकार अपनी दूसरी पारी की शुरुआत विकास और रोजगार के बड़े एजेंडे के साथ कर रही है, और आज के फैसले इस दिशा में नए रास्ते खोल सकते हैं। नौकरी, कौशल विकास और उद्यमिता पर केंद्रित यह बैठक राज्य में नई ऊर्जा का संचार करेगी और युवाओं के लिए उम्मीदों का एक नया अध्याय खोलेगी।


