पीएम मैटेरियल को लेकर आरसीपी सिंह का नीतीश कुमार पर तंज, बोले- आप पलटी मार थे और पलटी मार रहेंगे
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं। भाजपा से अलग होने के बाद उनके मन में प्रधानमंत्री बनने की चाहत हिलोरें मार रही हैं। जेडीयू नेता अपने नीतीश कुमार को 2024 में लाल किले से तिरंगा फहराते देखना चाहते हैं। खुद मुख्यमंत्री देश भर के विपक्षी नेताओं की गोलबंदी पर काम कर रहे हैं। गुरूवार को तीन दिवसीय दिल्ली दौरा खत्म कर वापस पटना लौटे हैं। इधर, सीएम नीतीश के कभी सबसे खास रहे जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री का मजाक उड़ाया है। रामचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि आप तो पीएम थे।पीएम हैं और पीएम रहेंगे ! इसके बाद उन्होंने पीएम का अर्थ भी समझाया। आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार को लेकर तंज कसा है। ट्वीट कर कहा है कि नीतीश कुमार जी, आपका दिल्ली प्रवास व्यस्त रहा। कई दलों के नेताओं, उनके परिवार के सदस्यों से आपकी बड़ी ही स्नेहिल मुलाक़ात रही। प्रेस कांफ्रेंस भी हुआ, फोटो सेशन भी रहा। स्वाभाविक है जब इतना हुआ तो कुछ बातें भी अवश्य हुई होंगी। बातचीत के मध्य में विपक्षी एकता का मुद्दा रहा। इसका नेतृत्व कौन करेगा इसपर अन्य दलों के नेता एवं आप ख़ुद भी असहज दिखे। राजद के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि जितना शीघ्र हो आप पीएम पद के उम्मीदवार/ विपक्षी एकता के संयोजक या फिर और किसी नाम के बैनर के तहत बिहार से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने उपमुख्यमंत्री को सौंप दें। आप क्या करेंगे वो आप ही जानते होंगे। कांग्रेस पार्टी का क़रीब 138 वर्षों का इतिहास रहा है। इस दल में एक ही वंश के तीन तीन प्रधानमंत्री हुए एवं आज पाँचवी पीढ़ी के छठे नेता पार्टी के सर्वे सर्वा हैं। आज भी कुछ प्रदेशों में इनकी सरकारे हैं। इस परिस्थिति में नीतीश बाबू आप ही समझें कि कांग्रेस पार्टी विपक्षी एकता की कमान किन परिस्थितियों में आपको सौंपेगी।
कई बार पाला बदलकर नीतीश अपनी साख खो चुके हैं : आरसीपी सिंह
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो आपके नेतृत्व को कैसे देखते हैं यह आप भली भांति जानते हैं। वाम दलों के नेताओं ने भी आपका स्वागत किया परंतु आप पर उनका कितना विश्वास है यह आप ही समझें। नीतीश बाबू आप मानें या ना मानें विभिन्न दलों के नेता एवं कार्यकर्ता आपको संशय की नज़र से देखते हैं। आपकी साख समाप्त हो चुकी है। आपकी विश्वसनीयता बची ही नहीं। ऐसे में कोई दल कैसे आप पर विश्वास कर देश की बागडोर आपको दे सकता है ? नीतीश बाबू राजनीति में आप काफ़ी अनुभवी हैं पर आप जानते ही हैं कि इस देश में 1977 से लेकर 1999 तक कुल 12 प्रधानमंत्री हुए। मतलब कि 22 वर्षों में 12 प्रधानमंत्री! आश्चर्य मत करिए इनमें भी सर्व श्री मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह वीपी सिंह देवेगौड़ा जी और गुजराल साहब का कार्यकाल कुल मिलाकर 6 वर्षों और 58 दिनों का रहा। इनमें सबसे छोटा कार्यकाल चौधरी चरण सिंह का 170 दिनों का तथा सबसे लंबा कार्यकाल मोरारजी देसाई जी का 2 वर्षों एवं 126 दिनों का रहा। नीतीश बाबू अब ज़रा सोचिए उस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की क्या स्थिति थी। राजनीतिक अस्थिरता के चलते देश रसातल में जा चुका था। आज तो और दिलचस्प स्थिति रहेगी आप लोग कहते हैं कि 20 दल एक साथ आएंगे मतलब कि 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री पद के विपक्षी दलों के कम से कम 20 उम्मीदवार प्रधानमंत्री बनने के लिए अपने मन में चाह रखेंगे। वैसे भी आप तो यही चाहते हैं कि आप पीएम बनें। आप पीएम थे। आप पीएम हैं व आप पीएम रहेंगे। हाँ मैं सही कह रहा हूँ। पीएम का मतलब समझिए : पी-पलटी एम-मार पीएम=पलटी मार आप तो समझ ही गए होंगे आपका भविष्य उज्ज्वल हो यही मेरी कामना है।