एनडीए के प्रत्याशियों के लिए 7 अप्रैल से चुनाव प्रचार करेंगे नीतीश, शेड्यूल जारी

- 7 को नवादा मे बीजेपी तो 9 को गया में मांझी के लिए मांगेंगे वोट, 11 को औरंगाबाद में जनसभा
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहयोगी पार्टी और एनडीए के घटक दलों के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। नीतीश 7 अप्रैल को नवादा में पीएम मोदी के साथ रैली करेंगे। इसके बाद 9 अप्रैल को गया लोकसभा सीट पर हम पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के लिए रोड शो करेंगे। यहां वे मांझी के लिए चुनावी सभा को भी संबोधित करेंगे। 11 अप्रैल को नीतीश औरंगाबाद में बीजेपी उम्मीदवार सुशील सिंह के लिए रोड शो करेंगे। यहां भी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। 9 अप्रैल को नीतीश एनडीए कैंडिडेट और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को जिताने के लिए लोगों से अपील करते नजर आएंगे। ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने 9 नवंबर 2023 को बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कहा था कि मांझी मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बने थे। जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। अब एनडीए की। विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक में चर्चा के दौरान पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि मुझे जातीय गणना के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है। जिस पर सीएम भड़क गए थे। नीतीश ने कहा था कि इनको कुछ आइडिया है। जब मैंने आपको सीएम बनाया तो कोई था क्या आपके साथ। सीएम को शांत कराते हुए स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ये बिहार ही नहीं देश जानता है। आपने ही जीतनराम मांझी को सीएम बनाया था। जीतन राममांझी राज्य के 23वें मुख्यमंत्री थे। उसका कार्यकाल 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक रहा।
जातीय गणना पर भरोसा नहीं, इतना सुनते ही नीतीश नाराज हो गए थे
आरक्षण संशोधन विधायक में हुए संशोधन पर चर्चा के दौरान जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में जो जातीय गणना हुई है, मुझे उस पर भरोसा नहीं है। मांझी ने कहा कि आरक्षण पर हर 10 साल में समीक्षा की बात कही गई है , लेकिन क्या बिहार सरकार ने आरक्षण की समीक्षा की। आरक्षण का धरातल पर क्या हाल सरकार को उसे देखना चाहिए। इतना कहते ही जीतन राम मांझी पर सीएम नीतीश कुमार भड़क गए और मांझी को जमकर खरी-खोटी सुना दी।
मांझी ने कहा था- नीतीश मानसिक संतुलन खो बैठे हैं
मांझी ने भी सीएम नीतीश के बयान पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था सीएम नीतीश सदन में अनाप-शनाप बोल रहे हैं। उम्र में मैं उनसे बड़ा हूं, लेकिन वो मुझसे तुम-ताम करके बात करते हैं। मुख्यमंत्री ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। उन्होंने मुझे अंडरएस्टिमेट किया। उन्होंने मुझे ये सोचकर सीएम बनाया कि भुईंया जाति से है, सीधा-साधा है। लेकिन मैंने काम किया। आज सदन में जो भी हुआ उससे आहत हूं। स्पीकर ने मुझे बोलने तक का मौका नहीं दिया।
नीतीश के खिलाफ पटना से दिल्ली तक मांझी ने दिया था धरना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को उस वक्त मांझी दलितों का अपमान बता रहे थे। उन्होंने पटना में इसे लेकर मौन प्रदर्शन किया। धरना भी दिया। इसके बाद वे दिल्ली भी गए वहां भी उन्होंने मौन प्रदर्शन किया था।
