राज्य के कई विश्वविद्यालयों में पर शिक्षा विभाग की कार्रवाई, खाते में जमा राशि की हुई निकासी

  • राजभवन और पाठक में तनातनी जारी: परीक्षा के संचालन में अब विश्वविद्यालय को दिक्कत, परीक्षार्थी परेशान

पटना। केके पाठक के शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के पीएल खाते सहित कई खातों के संचालन पर पहले से रोक लगा रखी है। अब शिक्षा विभाग ने एक साथ कई विश्वविद्यालयों में जमा राशि भी वापस निकाल ली है। विभाग ने 31 मार्च को ही राशि वापस अपने खाते में स्थानांतरित की है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पीएल खाते से पटना विवि, पाटलिपुत्र विवि और भागलपुर विवि सहित कई अन्य विश्वविद्यालयों की राशि वापस ली गई है। केके पाठक और राजभवन के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है जिसका खामियाजा बिहार के विश्वविद्यालयों को भुगतना पड़ रहा है। खाता संचालन पर रोक से विश्वविद्यालयों में परीक्षा संचालन में दिक्कत हो रही है। पहली बार शिक्षा विभाग की ओर से पीएल खाते से इस तरह से राशि वापस ली गई है। आजतक इस तरह विश्वविद्यालयों के पीएल खाते से राशि नहीं ली गई थी। राशि वापस लिये जाने से विश्वविद्यालयों में हड़कंप मच गया है। वहीं राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एक-दूसरे को फोन कर पीएल खाते से राशि निकाले जाने की बाबत जानकारी साझा कर रहे हैं। पाटलिपुत्र विवि के पीएल खाते से लगभग आठ करोड़ रुपये वापस लिये गये है। इसमें सबसे अधिक राशि सैलरी मद की करीब पौने तीन करोड़ रुपये है। इसके अलावा पेंशन मद की पौने दो करोड़ रुपये निकाल लिए गए हैं। वहीं कंटीजेंसी फंड क एक करोड़ 12 लाख 35 हजार और लाइब्रेरी विकास की जमा 7 लाख, लैबोट्री रेनफोर्समेंट की 41 लाख, एक्लव्य फंड के 75 लाख और यूएमआईएस के चार लाख वापस लिए गए हैं। पटना विश्वविद्यालय से साइंस कॉलेज और गोलकपुर के लिए जमा पीएल खाते की राशि वापस ली गई है। साइंस कॉलेज में मेट्रो का कार्य होने की वजह से बाउंड्री के लिए आई राशि वापस ली गई है। वहीं गोलकपुर का मामला कोर्ट में होने की वजह से वहां की राशि पीएल खाते से ली गई है। विश्वविद्यालय से दो करोड़ रुपये की राशि ली गई है। इधर तिलका मांझी विश्वविद्यालय भागलपुर से भी पीएल खाते से राशि वापस लिये जाने की सूचना है। पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो आरके सिंह ने बताया कि पीएल खाते से राशि वापस ली गई है। वहीं पहले ही कर्मचारी और शिक्षक वेतन और पेंशन नहीं मिलने से परेशान हैं। पटना विवि के कुलसचिव प्रो खगेन्द्र कुमार ने बताया कि पांच वर्ष से अधिक सरकार की ओर से भेजी गई राशि अगर खर्च नहीं होती है तो पीएल खाते से राशि सरकार निकाल सकती है। ऐसा प्रावधान है। हालांकि राशि पहले कभी नहीं निकाली गई थी।

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