लॉक डाउन के दौरान ही नीतीश सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए उपेंद्र कुशवाहा कहा,जनहित में मजबूर हुआ तो धरने पर बैठा

पटना।कोरोना वायरस के खतरों को लेकर लागू किए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के चौथे चरण में प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां उफान में आने लगी है। नीतीश सरकार के खिलाफ आज रालोसपा के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा धरने पर बैठ गए हैं। प्रवासी श्रमिकों के लिए बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में व्याप्त को व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार को निशाने पर लिया है।पूर्व केन्द्रीय मंत्री व रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा राजधानी के वीरचंद पटेल पथ स्थित अपने प्रदेश कार्यालय के बाहर धरना पर बैठ गए हैं।उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाइन करने के लिए जो सेंटर बनाए गये है उसकी स्थिति काफी खराब है।

रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि हां, मैंने कानून तोड़ा है और आगे भी कानून तोड़कर सड़क पर उतरेंगे,अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी तो जनता के लिए संघर्ष करने का रास्ता ही बचता है। जनता सड़क पर मरती रहे और हम कानून मानकर घर में बैठे रहे, यह अब संभव नहीं है। सरकार खुद ही लॉकडाउन का पालन नहीं करा पा रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने कहा की क्वारंटाइन सेंटर की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता  है कि आए दिन प्रदेश के किसी न किसी जिले से क्वारंटाइन सेंटर पर हंगामे की खबर सामने आ रही है। इसके साथ ही प्रदेश में छात्रों, किसानों और आमजनों का हाल भी बेहाल है। उन्हें किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है।

रालोसपा प्रमुख ने कहा कि हमने पहले भी मुख्यमंत्री को इन सभी बातों को लेकर सुझाव दिया था, लेकिन हमारे सुझाव पर मुख्यमंत्री ने कोई अमल नहीं किया। रालोसपा इन मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार जबतक हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है हमलोग लॉकडाउन का उल्लंघन और कानून को तोड़कर सड़क पर उतरने का यह करते रहेंगे। हमारे साथी सरकार के विरुद्ध पूरे राज्य भर में लॉकडाउन के नियमों को तोड़कर धरने पर बैठे हैं।

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