नीतीश सरकार का फैसला : किसान सलाहकारों के मानदेय व सुविधाओं में बढ़ोतरी, अब 13000 रुपये मिलेगा मासिक मानदेय

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पटना । कोरोना महामारी में बिहार सरकार ने राज्य के किसान सलाहकारों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। नीतीश सरकार ने प्रदेश के किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। साथ ही सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। सरकार ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है।

बिहार सरकार ने कोरोना के बीच किसान सलाहकारों के मानदेय और सुविधाओं में बढ़ोतरी की है। अब किसान सलाहकारों को 1000 रुपये प्रति महीना बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। यानी किसान सलाहकारों को अब 13000 रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार ने बढ़े हुए मानदेय का लाभ किसान सलाहकारों को अप्रैल महीने से देने का फैसला किया है। इसके अलावा किसी किसान सलाहकार की मौत अगर सेवाकाल के दौरान हो जाती है तो उसके आश्रितों को सरकार चार लाख रुपये मुआवजा या मृत्यु अनुग्रह अनुदान के तौर पर देगी।

किसान सलाहकारों के मानदेय में इसके पहले अंतिम बार साल 2017 में इजाफा किया गया था। उस वक्त सरकार ने 8000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर मानदेय 12000 रुपये प्रति महीने कर दिया था। बिहार में ग्राम पंचायत स्तर पर किसान केंद्र चलाने के लिए कृषि विभाग ने राज्य योजना के तहत किसान सलाहकारों की नियुक्ति की थी। किसान सलाहकार कृषि विभाग की योजनाओं के प्रचार-प्रसार, सत्यापन, मिट्टी की जांच और किसानों को बैंक लोन उपलब्ध कराने जैसे मामलों में मदद करते हैं।

बिहार में फिलहाल 6327 से किसान सलाहकार हैं। 8463 पंचायतों में एक-एक सलाहकार की नियुक्ति होनी है लेकिन फिलहाल सभी पंचायतों में इनकी नियुक्ति नहीं हो पाई है। सरकार ने साल 2010 में इनकी नियुक्ति की थी। साल 2010 में इनमें हर महीने ढाई हजार रुपये मानदेय दिया जाता था। जिसे बढ़ाकर साल 2012 में 5000 रुपये प्रतिमाह साल 2014 में 6000 रुपये प्रतिमाह और साल 2015 में 8000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया था

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