अनुसूचित जाति/जनजाति के राज्य कर्मियों के साथ अन्याय कर रही नीतीश सरकार : चिराग

  • दलित विरोधी नीतीश सरकार : चिराग

पटना। अनुसूचित जाति/जनजाति के राज्य कर्मियों के साथ अन्याय कर रही है, सरकार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। यह बात लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार द्वारा नौकरियों में प्रोन्नति का मामला पत्रकारों के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रोन्नति से वंचित रखा गया है, यह आप के संकीर्ण सोच को उजागर करता है। चिराग ने आगे कहा की आप की सरकार ने 13 अक्टूबर 2023 को कैबिनेट की मीटिंग कर एका-एक गजट जारी कर दिया। आप के द्वारा न्यायालय का हवाला देकर अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रोन्नति में आरक्षण को लंबित रख दिया गया। जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना फैसला देने तक स्टेटस को रखने का आदेश दिया है। आगे चिराग ने अपने पत्र में लिखा है की अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए वर्ष 1971 से प्रोन्नति में आरक्षण हेतु रोस्टर क्लियरेंस का प्रावधान किया गया। वही इसके बावजूद विभिन्न पदों में अनुसूचित जाति-जनजाति का प्रतिनिधित्व मात्र 4 प्रतिशत है, जिसे 17 प्रतिशत होना चाहिए था, जबकि पदाधिकारियों व कर्मचारियों का नियुक्ति में बैकलॉग लाखों की संख्या में है लेकिन आपकी सरकार ने इसे पूरा नही किया। चिराग ने अपने पत्र में लिखा है की अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण व्यवस्था की देख-रेख के लिए राज्य सरकार ने आरक्षण आयुक्त का पद सृजित किया था, जिसका कोई अता-पता नही है। यह इस समाज के प्रतिघोर अन्याय है। हमारी पार्टी लोजपा (रामविलास) समता मूलक समाज की स्थापना के लिए इस मामले पर पुर्नविचार करने और हकमारी बंद करने की मांग करती है।

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